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8479 करोड़ का अनुपूरक बजट

यूपी विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही कुछ समय लिए स्थगित कर दी गई। यूपी विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के पहले गुरुवार को 8 हजार 479 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट विधानसभा में पेश किया। बजट में किसानों व बुजुर्गों के लिए पेंशन सहित प्रदेश के कई हिस्सों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने, खेल व काशी विश्वनाथ के लिए भी धन आवंटित किया गया है। अनुपूरक बजट में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति के लिए पावर कॉरपोरेशन को 10 अरब रुपये, हर घर बिजली योजना के लिए अलग से 185 करोड़ रुपये, खेल विभाग को 10 करोड़ रुपये, काशी विश्वनाथ दर्शन के लिए 10 करोड़ रुपये, किसान और वृद्घावस्था पेंशन के लिए 670 करोड़ रुपये, सूचना विभाग के लिए 150 करोड़ रुपये और यूपी गौरव सम्मान के लिए 10 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 5,45,370.69 करोड़ रुपये का अंतरिम बजट व चार महीने के लिए 1,68,903.24 करोड़ रुपये का लेखानुदान पेश किया। वित्त वर्ष 2022-23 का अंतरिम बजट बिना किसी नई योजना के तैयार किया गया है। इसलिए बजट का वास्तविक अनुमान अभी लगाया जाना संभव नहीं था। आगामी वित्त वर्ष के अप्रैल, मई, जून व जुलाई महीने में वेतन, पेंशन व ब्याज आदि वचनबद्ध खर्चों तथा चालू योजनाओं-परियोजनाओं के लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था के लिए लेखानुदान लाया गया है। इसके लिए आगामी वित्त वर्ष के 12 महीने की आय-व्यय का अंतरिम अनुमान लगाते हुए लेखानुदान की धनराशि निर्धारित की गई है। पूर्ण बजट विधानसभा चुनाव के बाद नई सरकार पेश करेगी। अंतरिम बजट में 5,45,370.69 करोड़ रुपये कुल खर्च का अनुमान लगाया गया है। इसमें 415195.95 करोड़ रुपये वेतन, भत्ते, पेंशन व ब्याज जैसे राजस्व मदों व 130174.74 करोड़ रुपये विकास से जुड़ी योजनाओं-परियोजनाओं से जुड़े पूंजीगत मदों में खर्च होने का अनुमान है।  कि विधानमंडल का मौजूदा सत्र इस सरकार का आखिरी सत्र माना जा रहा है। साथ ही जनवरी, 2022 के दूसरे सप्ताह तक चुनाव कार्यक्रमों का एलान संभावित है। ऐसे में अब किसी नए सत्र की संभावना नजर नहीं आ रही है। इस सत्र के सत्रावसान की अधिसूचना जारी होने के बाद छह महीने के भीतर विधानसभा की नई बैठक आवश्यक होगी। ऐसे में जुलाई से पहले नई सरकार द्वारा विधानमंडल का नया सत्र आहूत कर पूर्ण बजट पारित कराने की जिम्मेदारी पूरी किए जाने का अनुमान है। पूर्ण बजट में नई सरकार द्वारा जनता से किए गए वादों के साथ तय की गई प्राथमिकताएं शामिल होंगी। लेखानुदान पारित होने के बाद जुलाई, 2023 तक सरकार के रूटीन खर्चों के लिए आवश्यक धनराशि की उपलब्धता बनी रहेगी।

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