6 अन्य देशों ने भी दिखाई तेजस फाइटर जेट’(Tejas fighter jet) में दिलचस्पी

नई दिल्ली. भारत ने मलेशिया को 18 हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) ‘तेजस’(Tejas fighter jet) बेचने की पेशकश की है. रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी. इसके साथ ही मंत्रालय ने कहा कि अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस ने भी इस सिंगल-इंजन फाइटर जेट में अपनी दिलचस्पी दिखाई है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा निर्मित तेजस एक एकल इंजन और अत्यधिक सक्षम बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान है, जो उच्च-खतरे वाले वायु वातावरण में संचालन में सक्षम है.
पिछले साल फरवरी में रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के लिए 83 तेजस लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था. भारत ने तेजस के एमके-2 संस्करण के साथ-साथ पांचवीं पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) को विकसित करने के लिए पांच अरब अमेरिकी डॉलर की महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम शुरू कर दिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार, विदेशी रक्षा उपकरणों पर भारत की निर्भरता को कम करने की इच्छुक है और जेट विमानों के निर्यात के लिए राजनयिक प्रयास भी कर रही है. तेजस लड़ाकू विमान के साथ डिजाइन और अन्य चुनौतियां है और इसी वजह से एक बार भारतीय नौसेना द्वारा इसे बहुत भारी के रूप में खारिज कर दिया गया था.
रक्षा मंत्रालय ने संसद को बताया कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने पिछले साल अक्टूबर में रॉयल मलेशियाई वायु सेना के 18 जेट विमानों के प्रस्ताव के अनुरोध का जवाब दिया था, जिसमें तेजस के दो सीटों वाले संस्करण को बेचने की पेशकश की गई थी. भारत के रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक लिखित उत्तर में संसद सदस्यों को बताया, ‘अन्य देशों – अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस – ने भी तेजस लड़ाकू विमानों में रुचि दिखाई है.’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश एक स्टील्थ फाइटर जेट के निर्माण पर भी काम कर रहा है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए उन्होंने इसके बनने की समयसीमा देने से इनकार कर दिया. ब्रिटेन ने अप्रैल में कहा था कि वह भारत के अपने लड़ाकू विमान बनाने के लक्ष्य का समर्थन करेगा. भारत के पास वर्तमान में रूसी, ब्रिटिश और फ्रांसीसी लड़ाकू विमान हैं.