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57.27 करोड़ रुपये की लागत निर्मित छः जनपदों में सीएफसी का जल्द होगा उद्घाटन

एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत मुरादाबाद, सीतापुर, लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, अयोध्या एवं बिजनौर में 57.27 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सामान्य सुविधा केन्द्र (सीएफसी) का शीघ्र ही लोकापर्ण होगा। सीएफसी में कारीगरों को एक छत के नीचे व्यवसाय से जुड़ी तमाम प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी तथा रोजगार के अतिरिक्त अवसर भी सृजित होंगे। जनपद आजमगढ़, सीतापुर, सिद्धार्थनगर, अम्बेडकर नगर एवं आगरा में सीएफसी का लोकापर्ण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के 17 जनपदों में सीएफसी स्थापना की कार्यवाही विभिन्न चरणों में है।

नक्काशी उत्पाद से जुड़े कारीगरों के लिए 990.11 लाख रुपये की लागत

यह जानकारी अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने दी। उन्होंने बताया कि जनपद मुरादाबाद में ओडीओपी उत्पाद धातु शिल्प के लिए 994.13 लाख रुपये की लागत से सीएफसी स्थापित कराई गई है। सहारनपुर में लकड़ी पर नक्काशी उत्पाद से जुड़े कारीगरों के लिए 990.11 लाख रुपये की लागत से सीएफसी का निर्माण कराया गया है। इसी प्रकार जनपद लखनऊ में ओडीओपी उत्पाद चिनकारी एवं जरी-जरदोजी के लिए 388.53 लाख रुपये, गौतमबुद्ध नगर में रेडीमेड गारमेंट हेतु 1450.20 लाख रुपये, अयोध्या में ओडीओपी उत्पाद गुड हेतु 993.42 लाख रुपये तथा बिजनौर में ओडीओपी प्रोडेक्ट काष्ट कला के लिए 910.63 लाख रुपये की लागत से सामान्य सुविधा केन्द्र की स्थापना कराई गईं है।

डा0 सहगल ने बताया कि प्रदेश के हर जिलें में कोई न कोई उत्पाद अपनी पहचान एवं पारंपरिक विशिष्टिता के लिए जाने जाते हैं। इन उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ओडीओपी योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत कारीगरों एवं उद्यमियो की सुविधा हेतु प्रदेश के प्रत्येक जनपद में कम से कम एक सीएफसी स्थापित कराये जाने का लक्ष्य है। सीएफसी में कारीगरों एवं उद्यमियों को स्थानीय स्तर पर टेस्टिंग लैब, डिजाईन डेवलपमेंट एण्ड टेनिंग सेंटर, तकनीक अनुसंधान एवं विकास केन्द्र, उत्पाद प्रदर्शन सह विक्रय केन्द्र, रॉ-मैटिरियल बैंक, कामन प्रोडक्शन एवं प्रोसेसिंग सेंटर, कामन लाजिस्टिक संेटर, पैकेजिंग, लेबलिंग एवं बारकोडिंग सहित तमाम प्रकार सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने बताया कि सीएसफ प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सामान्य सुविधा केन्द्र की स्थापना हेतु 15 करोड़ रुपये तक की परियोजनाएं ली जा सकती है। जिसमें 90 प्रतिशत अंशदान राज्य सरकार का होगा और शेष 10 प्रतिशत अंश एसपीवी को वहन करना पड़ता है।

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