भारी संख्या में किसानों ने किया कूच, क्या अब आंदोलन के पार्ट-2
नई दिल्ली: लगातार एक साल तक किसान आंदोलन चलने के बाद अब केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है. सरकार ने कानूनों की वापसी को कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी भी दी है. कृषि कानूनों के खिलाफ जारी अपनी लड़ाई में जीत दर्ज करने के बाद किसान संगठनों और किसानों के बीच खुशी का माहौल है. हालांकि किसानों ने यह भी साफ कर दिया है कि जब तक सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं किसान आंदोलन जारी रहेगा. इस बीच हजारों की संख्या में किसान नाचते गाते और ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं. एसकेएम ने 29 नवंबर को संसद तक मार्च निकालने की घोषणा की है.
गौरतलब है कि 29 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है. एक तरफ विपक्षी दल सरकार को संसद के अंदर घेरने की रणनीति तैयार कर रहा है तो वहीं किसान संसद के बाहर केंद्र सरकार से सीधे सवाल पूछने और अपनी मांगों को रखने के लिए पहुंच रहे हैं. एक तरफ किसानों में जहां कृषि कानूनों की वापसी को लेकर जश्न का माहौल है तो वे अपनी दूसरी मांगों को पूरी कराने के लिए दिल्ली की तरफ कूच कर चुके हैं
एक जानकारी के मुताबिक हरियाणा के सिरसा से भारी तादाद में किसान दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं. किसान पहले सिरसा जिले के शहीद भगत सिंह स्टेडियम में पहुंचे और फिर वहां से दिल्ली के लिए रवाना हुए. बताया जा रहा है कि पंजाब और सिरसा से किसान कारों और ट्रैक्टर-ट्रॉली में दिल्ली के रवाना हुए हैं. किसानों ने कहा कि अभी लड़ाई पूरी नहीं हुई. कहा जा रहा है कि कृषि कानून वापसी के बाद अपनी दूसरी मांगों को पूरा कराने के लिए किसान सरकार पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं.
बता दें कि कल यानि 26 नवंबर से किसानों के आंदोलन को एक साल हो जाएंगे. अब जब केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस करने का ऐलान कर दिया है तो किसान आंदोलन के दूसरे भाग की तैयारी में जुट गए हैं. किसानों ने दिल्ली के बॉर्डर पर जुटना शुरू कर दिया है. इससे पहले बुधवार को किसान नेता राकेश टिकैत ने भी यह कहा था कि कृषि आंदोलन अभी खत्म नहीं होगा हमारी आगे की रणनीति 27 नवंबर को तय होगी.
टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वादा किया है कि किसानों की आय एक जनवरी से दोगुनी हो जाएगी तो हमार सवाल है कि आखिर कैसे किसानों की आय दोगुनी होगी. उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं का हल तब होगा जब उनकी फसल का अच्छा दाम उन्हें मिलेगा. इस बीच राष्ट्रीय किसान मजदूर सभा के प्रतिनिधि और किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा कृषि कानून वापसी की मंजूरी को बड़ा दिन बताया है.