4000 किलोमीटर लंबाई, 9 राज्यों के कई जिलों को होगा फायदा(एक्सप्रेसवे )

7 बड़े एक्सप्रेसवे : भारत में 2024 से 2025 तक 7 बड़े एक्सप्रेसवे (एक्सप्रेसवे ) के बनकर तैयार होने की उम्मीद है. इन सभी एक्सप्रेसवे की लंबाई 4000 किमी. से ज्यादा होगी और ये दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तमिलनाडु, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर के कई शहरों में रोड कनेक्टिविटी को बेहतर करेंगे. खास बात है कि इन एक्सप्रेसवे को बेहद हाईटेक तरीके से डिजाइन किया जा रहा है, साथ ही यहां यात्री सुविधाओं को लेकर तमाम संसाधन उपलब्ध होंगे.
इस लिस्ट में सबसे पहले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का नंबर आता है. खास बात है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पूरी तरह खुल जाने के बाद दोनों शहर के बीच ट्रैवल टाइम सिर्फ 12 घंटे रह जाएगा. इतना ही नहीं इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली और गोवा के बीच की दूरी भी कम होगी, जो इस मार्ग की एक और विशेषता होगी
फिलहाल दिल्ली और गोवा के बीच सड़क मार्ग से ट्रैवल करने का टाइम 35 घंटे है. लेकिन दिल्ली, मुंबई और गोवा के बीच नया एक्सप्रेसवे शुरू होने के बाद दिल्ली और गोवा की यात्रा सिर्फ 15 घंटे में पूरी हो जाएगी.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के बाद मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे भी एक बड़ा प्रोजेक्ट है, जिसके बनने से मुंबई से नागपुर की दूरी को सिर्फ 8 घंटे में पूरा किया जा सकेगा. 701 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे 10 जिलों और लगभग 390 गांवों के बीच रोड कनेक्टिविटी बढ़ाएगा.
इनमें कल्याण, नागपुर, नासिक, वर्धा, भिवंडी, औरंगाबाद और शिरडी शामिल हैं. इस एक्सप्रेसवे पर लगभग 5 फ्लाईओवर, 33 ब्रिज, 25 इंटरचेंज, 189 अंडरपास, 6 सुरंगें, हल्के वाहनों के लिए 110 अंडरपास और पैदल चलने वालों के लिए 209 अंडरपास होंगे.
बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे दक्षिण भारत में बन रहा एक अहम प्रोजेक्ट है. यह 4 लेन एक्सप्रेसवे कर्नाटक को तमिलनाडु से जोड़ेगा. इसकी लंबाई 260 किलोमीटर होगी और यह 3 राज्यों से गुजरेगा. यह एक्सप्रेसवे कर्नाटक में होसकोटे और बंगारपेट, आंध्र प्रदेश में पालमनेर और चित्तूर व तमिलनाडु में श्रीपेरंबुदूर तक जाएगा
उत्तर भारत में बन रहा दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे 650 किमी. तक फैला है. यह दिल्ली में बहादुरगढ़ सीमा से होते हुए जम्मू में कटरा तक जाएगा और वैष्णो देवी मंदिर व स्वर्ण मंदिर जैसे तीर्थ स्थलों को जोड़ेगा. यह एक्सप्रेसवे दिल्ली, यूपी, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के बीच रोड कनेक्टिविटी को और आसान करेगा.
रायपुर-विशाखापट्टनम एक्सप्रेसवे रायपुर-विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरिडोर का एक हिस्सा है. यह 6 लेन एक्सप्रेसवे 464 किमी. लंबा होगा और ओडिशा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश से होकर गुजरेगा. 2025 तक इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने की संभावना है.
उत्तर प्रदेश में मेरठ से होकर प्रयागराज तक जाने वाला गंगा एक्सप्रेसवे सूबे में 12 जिलों के बीच रोड कनेक्टिविटी को और बेहतर करेगा. गंगा एक्सप्रेसवे एक ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट है और 6 लेन वाले इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 594 किलोमीटर होगी. अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो यह एक्सप्रेसवे 2025 में होने वाले प्रयागराज महाकुंभ से पहले बनकर तैयार हो जाएगा और आगरा एक्सप्रेसवे और यम…