4 बातों का रखें ध्यान आलोचना पर रिएक्शन देने से पहले

: आज की कॉम्पिटेटिव दुनिया में खुद को साबित करने के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. हर समय हमें अपना बेस्ट देना होता है. क्योंकि अगर हम बेस्ट नहीं करेंगे, तो कोई और हमसे आगे निकल जाएगा. ये एक सामान्य धारणा है. जिंदगी हो या ऑफिस लाइफ. हमें हर जगह ऐसी ही परिस्थियों का सामना करना पड़ता है. आपकी छोटी सी भी गलती किसी के लिए बड़ा मौका बन सकती है. अगर हम ऑफिस लाइफ की ही बात करें, तो ऑफिस में मौजूद प्रतिद्वंदी या दोस्त की तरह दिखने वाले लोग भी बड़े आलोचक साबित हो सकते हैं. ऐसे में बहुत संभव है आप उत्तेजित हो जाएं या कुछ ऐसा बोल दें, जो आपको नहीं बोलना चाहिए. जब कोई कुछ ऐसा बोले जो आपको पसंद ना
अगर आपको कोई उत्तेजित करने या उकसाने की कोशिश करे, तो उसे प्रतिक्रिया देने से पहले थोड़ी देर के लिए शांत हो जाएं. अगर आप लिखकर जवाब देना चाहते हैं, तो लिखते हुए शब्दों के चयन में थोड़ी नरमी बरतें. इंटरनेट के इस दौर में ध्यान रखें, कभी भी कुछ ऐसा लिखकर न छोड़ें, जो बाद में आपकी परेशानी की वजह बन जाए.
अगर आपको ऐसा लगे कि आपके किसी ब्लॉग पोस्ट में से आपकी कही हुई बात का गलत मतलब निकाला जा रहा है, तो ऐसे में गुस्से में आकर तुरंत जवाब देने से खुद को रोकें क्योंकि इस वक्त आप जरूरत से ज्यादा रिएक्ट कर सकते हैं. किसी भरोसेमंद दोस्त या साथी से बात करके सलाह लें, इसके बाद ही कोई रिएक्शन दें.
जब लोग आपकी आलोचना करते हैं तो आप विचार करने पर मजबूर हो सकते हैं. इसकी सच्चाई को अपने स्तर पर भी जांच लें. साथ ही ध्यान रखें कि जब आप सफल होने लगते हैं, तो आसपास के लोग असहज हो सकते हैं, डरने लगते हैं.
सेल्फ हेल्प गुरू हमेशा से ये बताते आए हैं कि जो आपकी बुराई करे, उसे माफ करें लेकिन इसकी एक सीमा होनी चाहिए. समय के साथ लोगों को वो सब मिल जाता है. जिसके वो हकदार होते हैं. किसी दिन लोग आपका भी संदर्भ देंगे और आपका कोई भरोसेमंद साथी आपसे सवाल करेगा, जो आप ईमानदारी से उसे जवाब दे पाएंगे.