राष्ट्रीय

कोलकाता, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सोमवार को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब प्रदेश में फर्जी सरकारी नौकरी घोटाले के आरोप में गिरफ्तार भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी के करीबी सहयोगी राखल बेरा को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने तुरंत रिहा करने का आदेश सुनाया. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने प्रदेश की सत्तरूढ़ सरकार से कहा है कि इस मामले में राखल बेरा के खिलाफ आगे कोई भी एफआईआर दाखिल नहीं होनी चाहिए और अगर ऐसा करना है तो फिर उसके लिए पहले अदालत से इजाजत लेनी होगी.

सरकारी नौकरी घोटाला मामले में कथित संलिप्तता के संबंध में राखल बेरा को बीते 5 जून को गिरफ्तार किया गया था. कल्याण गढ़ के एक निवासी द्वारा मानिकताला पुलिस थाने में दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी राखल बेरा को कोलकाता स्थित उनके आवास के बाहर से गिरफ्तार किया था.

शिकायत के मुताबिक, बेरा और उसके सहयोगियों ने राज्य के सिंचाई विभाग में समूह-डी श्रेणी की नौकरी दिलाने का झांसा देकर लोगों से मोटी रकम एकत्र की.

गौरतलब है कि शुभेंदु अधिकारी एक समय पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार में मंत्री थे, लेकिन हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले वह तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. इतना ही नहीं, नंदीग्राम विधानसभा सीट से शुभेंदु ने चुनाव लड़ा और अपनी प्रतिद्वंद्वी व प्रदेश की सीएम ममता बनर्जी को शिकस्त दी. वे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं.

 

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