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अयोध्या में बनेगा 300 शैय्या हॉस्पिटल, 48 करोड़ पहली किस्त जारी

अयोध्या। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ईपीसी मोड से शहर में 300 बेड वाले सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निर्माण के लिए पहली किस्त के तौर पर 48  करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। यह अस्पताल अयोध्या के रामपथ पर प्रस्तावित है और इसके निर्माण पर दो एकड़ भूमि पर 16,371.70 लाख रुपये की लागत आएगी। इस परियोजना के तहत चिकित्सकों के लिए आवास भी बनाए जाएंगे, जो स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने में सहायता करेंगे।
अयोध्या धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए विश्व प्रसिद्ध है। अब स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी प्रगति की ओर अग्रसर है। योगी सरकार की इस पहल से न केवल अयोध्या के निवासियों को, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लोगों को भी उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह देखा जा रहा है, क्योंकि यह उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। लोनिवि के निर्माण खण्ड दो के अधिशाषी अभियन्ता उमेश चन्द्र ने बताया कि निर्माण के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।  इस 300 बेड वाले सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों और सुविधाओं से सुसज्जित होगा, जो विभिन्न विशेषज्ञताओं में उपचार प्रदान करेगा। अस्पताल का निर्माण रामपथ पर स्थित सीतापुर आंख अस्पताल की जगह पर किया जाएगा। इस स्थान का चयन इसलिए किया गया है ताकि यह अधिक से अधिक लोगों के लिए आसानी से सुलभ हो सके। राम मंदिर व अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन से लगभग 2 किलोमीटर दूरी, वहीं एयरपोर्ट व बस अड्डे से 10 किमी की दूरी पर यह अस्पताल संचालित होगा।
वर्तमान में अयोध्या और इसके आसपास के क्षेत्रों में उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाओं की कमी है। इस कारण गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए लोगों को लखनऊ या अन्य बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता है। इस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के बनने से स्थानीय स्तर पर ही विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध होंगी, जिससे लोगों का समय और धन दोनों की बचत होगी। ईपीसी मोड का मतलब इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन है। यह एक अनुबंध मॉडल है जिसमें एक ठेकेदार पूरी परियोजना की जिम्मेदारी लेता है। इसमें ठेकेदार समय और बजट के भीतर काम पूरा करने का जोखिम उठाता है। यह मॉडल परियोजना मालिक के लिए सुविधाजनक है, क्योंकि एक ही ठेकेदार से संचार होता है। अमूमन इस समय सभी प्रोजेक्ट ईपीसी मोड पर ही चल रहे हैं। इसमें डेडलाइन के भीतर ही काम करना होता है।
मुख्य चिकित्सालय भवन (बी$एलबीयूजी$7) का निर्माण कार्य, बेसमेन्ट में 225 कार क्षमता हेतु पार्किंग का निर्माण कार्य, लोवर बेसमेन्ट में रेडियोलॉजी, मेडिकल सर्विसेस एवं पार्किंग का निर्माण, अपर ग्राउण्ड फ्लोर पर इमर्जेन्सी हेतु 26 बेड क्षमता एवं डीयू काम्प्लेक्स का निर्माण, प्रथम तल पर ओपीडी का निर्माण, द्वितीय तल पर एसएनसीयू (20 बेड)- एमएनसीयू काम्प्लेक्स (39 बेड) एवं एनआईसीयू (छह बेड) का निर्माण, तृतीय एवं चतुर्थ तल पर जनरल वार्ड के लिए 160 बेड क्षमता का निर्माण, पंचम तल पर आईसीयू बेड एवं प्राइवेट वार्ड का निर्माण, छठे तल पर ओटी एवं सीएसएसडी का निर्माण कार्य, सातवें तल पर एडमिनिस्ट्रेटिव विभाग का निर्माण कार्य।
22 बेड क्षमता के नर्स हॉस्टल का निर्माण कार्य, टाइप-2 के 36 नग आवासों का निर्माण कार्य, टाइप-3 के 4 नग आवासों का निर्माण कार्य, चिकित्साधिकारी हेतु टाइप-4 के 20 नग आवासों का निर्माण कार्य, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी हेतु टाइप-5 के 4 नग आवासों का निर्माण कार्य,वाहय विकास का कार्य, अन्य विविध कार्य सर्विस ट्रेंच, चेम्बर यूजीटी, एसटीपी एवं ईटीपी. सबस्टेशन, फायर फाइटिंग तथा बाह्य विद्युतीकरण का कार्य।
जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि अयोध्या में 300 शैय्या के अस्पताल का निर्माण मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। शासनादेश जारी हो गया है। निर्माण कार्य के लिए पहली किश्त जारी हो चुकी है। मैं खुद कई बार प्रस्तावित निर्माण स्थल का निरीक्षण कर चुका हूं। अस्पताल के निर्माण से स्थानीय लोगों के साथ आस-पास के जिले के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

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