उत्तर प्रदेशप्रमुख ख़बरें
3 दिन फ्री एंट्री ताज महल में , शाहजहां-मुमताज की असली कब्र देख सकेंगे
आगरा.ताज महल के दीदार करने वालों के लिए खुशखबरी है। पर्यटक 3 से 5 मई तक फ्री में ताज देख सकेंगे। इन तीनों दिन मुगल बादशाह शाहजहां का उर्स होगा। उस दौरान शाहजहां और मुमताज की असली कब्र का भी रास्ता खुलेगा। साल में सिर्फ यही एक मौका होता है, हर कोई यहां तक जा सकता है। आगे पढ़िए तीनों दिन गूंजेगी शहनाई और ढोल-नगाड़ों संग कव्वाली…
-उर्स के दौरान 3 मई से ताज महल का अलग नजरा दिखेगा।
-लोगों की चहलकदमी की आवाज की जगह ताज महल में शहनाई और ढोल-नगाड़ों के संग कव्वाली गूंजेगी।
-यहां पर शायर शहंशाह की शान में कलाम पढ़ेंगे और चादरपोशी कर मुल्क में अमन-चैन की दुआ की जाएगी।
-उर्स के दौरान खुद को शाहजहां के वंशज बताने वाले प्रिंस तूसी का परिवार राजसी लिबास में पहुंचेगा।
ये हैं उर्स का कार्यक्रम
3 मई 2016
-दोपहर 2 बजे असली कब्र का दरवाजा खुलेगा।
-मुफ्ती मुदस्सिर खां कादरी अजान देंगे। इसके बाद फातिहा और दुआ कर गुस्ल की रस्म अदा की जाएगी।
-फूलों की चादर चढ़ाई जाएगी। इसके बाद सूर्यास्त के समय स्मारक बंद होने तक कव्वाली होगी।
4 मई 2016
-दोपहर 2 बजे के बाद संदल चढ़ाए जाने का कार्यक्रम होगा। फिर दुआ और मिलादशरीफ होगी।
5 मई 2016
-सुबह नमाज के बाद कुलशरीफ होगा। इसके बाद से चादर चढ़ाने का कार्यक्रम चलेगा।
-लंगर का भी आयोजन होगा। तीनों दिन ताजमहल में कव्वाली गूंजेगी।
-खुद्दाम-ए-रोजा कमिटी के अध्यक्ष हाजी ताहिरउद्दीन ताहिर के अनुसार इस बार 8 सौ मीटर से ज्यादा लंबी चादर शाहजहां की कब्र पर चढ़ाई जाएगी।
-भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षक पुरातत्वविद भुवन विक्रम ने बताया कि उर्स के दौरान किसी भी तरह के झंडे नहीं जाएंगे। पहले से ही इनपर प्रतिबंध लगा हुआ है।
उर्स के दौरान ही दिखती है असली कब्र
-ताज महल में पर्यटकों को जो कब्रें दिखती हैं, वो नकली हैं। इस कब्र के ठीक नीचे अंडरग्राउंड कमरे में असली कब्र बनी हैं।
-यहां पर सिर्फ पुरातत्व कर्मचारियों और अधिकारियों को जाने की इजाजत है। सिर्फ उर्स के दौरान आम लोग यहां जा सकते हैं।
-ताज महल में भारतीय पर्यटकों का टिकट 50 रुपए है, जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए टिकट एक हजार रुपए है।
-3 मई को 2 बजे से देशी-विदेशी पर्यटकों को मुफ्त एंट्री मिलेगी।
-4 और 5 मई को पूरे दिन मुफ्त एंट्री होगी।
-मुफ्त एंट्री और असली कब्र तक जाने का रास्ता होने की वजह से उर्स के 3 दिन ताज महल में पर्यटकों की भीड़ ज्यादा रहती है।