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3 कमरों में चलता है जाकिर का इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन: बाहर पुलिस, अंदर क्लास
मुंबई.यहां के मीरा-भायंदर में बसा डोंगरी इलाका। अंधेरी गलियों, सकरी सड़कों से घिरा वो इलाका जो कभी अंडरवर्ल्ड का गढ़ था। हाजी मस्तान, दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील, अरुण गवली जैसे नाम यहीं पैदा हुए, बड़े हुए, बदनाम हुए और अंत में डोंगरी से दुबई तक पहुंच गए। इसी डोंगरी में एसवीपी रोड पता है जाकिर नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) का। वही जाकिर नाइक जो हाल में ढाका हमले के आतंकी का इंस्पिरेशन होने की वजह से चर्चा में हैं। भास्कर पहुंचा जाकिर के दफ्तर तक, जानिए क्या मिले उनके सवालों के जवाब…
– डोंगरी में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन मुख्य सड़क पर एक पुरानी सी बिल्डिंग के तीन कमरों में चलता है। ऊपर अंग्रेजी में इस्लाम पढ़ाने वाली क्लास का बोर्ड लगा है। लगभग चीखते से बड़े अक्षरों में। दरवाजा बंद है। बाहर चार कुर्सियां पड़ी हैं। एक पर पुलिसवाला बैठा है।
– दूसरी कुर्सी पर बैठे व्यक्ति ने हमें तभी रोक दिया जब दरवाजा खोलने के लिए हाथ बढ़ाने लगे। बोले, ‘आज दफ्तर बंद है।’ इसके बाद हर सवाल का एक ही जवाब था उनके पास- ‘हम नहीं जानते।’
– वहीं बाहर खड़े होकर भीतर दफ्तर के लैंडलाइन पर फोन लगाया तो पता चला दफ्तर में काम चल रहा है। पर उनके पीआरओ/एडमिनिस्ट्रेटिव मैनेजर मंजूर शेख बीमार हैं।
– उनका कोई और नंबर दफ्तर दे नहीं सकता। वहां बैठे पुलिसवाले भी कुछ बताने को तैयार नहीं।
– जब उनसे पूछा कि आप कितने दिनों से यहां तैनात हैं? तो जवाब मिला- ‘हमने यहां चेन स्नैचिंग की घटनाओं की वजह से नाका लगाया है।’ पर कुछ ही देर में उनकी पोल खुल गई।
– उनका एक सीनियर ये पूछते हुए गाड़ी से उतरा कि, ये दफ्तर आज खुला है क्या? तो पहले से तैनात सिपाही ने कहा- ‘सर चुप हो जाइए। मीडिया वाले आ गए हैं।’
50 लोगों को सैलरी मिलती है आईआरएफ से
– जाकिर के लिए सोशल मीडिया पर फैन ग्रुप चलाने वाले मोहसिन बताते हैं कि आईआरएफ के खाते से 50 लोगों को सैलरी मिलती है।
– डॉ. जाकिर नाइक के अलावा उनके भाई मोहम्मद नाइक और पत्नी फरहत नाइक भी फाउंडेशन में शामिल हैं। पत्नी फरहत महिलाओं को इस्लाम पढ़ाती हैं।
– उनका 20 साल का बेटा फारिक भी लेक्चर देता है। माझगांव में डॉक्यार्ड रोड के जैसमिन अपार्टमेंट में उनके घर के बाहर पुलिस का पहरा है। वैसा ही जैसा डोंगरी के दफ्तर पर है।
कुछ के लिए दफ्तर खुला कुछ के लिए बंद
– कुछ के लिए ये दफ्तर खुला है तो बाकियों के लिए बंद। मोमिन जो पहले राहुल होता था चैंबूर से यहां आया था। वो यहां का स्टूडेंट है।
– एक दिन पहले उसे वॉट्सएप पर मैसेज मिला था कि आज क्लास होगी। लेकिन बाहर बैठे बुजुर्ग ने उसे लौटा दिया।
– राहुल उर्फ मोमिन दफ्तर के चार दुकान बाद एक स्टूडियो के सामने रुककर किसी से बात करने लगा। हमने पूछा तो उसने अपनी कहानी सुना डाली।
– वो तीन साल से फाउंडेशन आ रहा है। 15-20 लोगों की बैच में उसकी क्लास लगती है। वो आज तक जाकिर नाइक से मिला नहीं, पर उनका बड़ा फैन है।
– ऐसी ही क्लास लड़कियों के लिए भी लगती है। उनकी तादाद भी ज्यादा है।
दुनियाभर में अब तक दिए 4000 स्पीच
– जाकिर दुनियाभर में अब तक 4000 स्पीच दे चुके हैं। 100 देशों में इन लेक्चर्स का प्रसारण करने वाले पीस टीवी चीनी, बांग्ला, हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में काम करता है।
– दावा है कि इसके 10 करोड़ दर्शक हैं। इस सबकी शुरुआत 1991 में हुई थी। जब सूरत में जन्मे अहमद दीदत से इंस्पायर जाकिर नाइक ने इस्लामिक स्कूल शुरू किया।
– 1965 में मुंबई में जन्मे जाकिर के पिता साइकैट्रिस्ट थे। भाई और बहन दोनों जाकिर की ही तरह एमबीबीएस डॉक्टर हैं। उनका परिवार मूलत: रत्नागिरी का रहनेवाला है।
– किशनचंद चेलाराम कॉलेज चर्चगेट से शुरुआती पढ़ाई और मेडिसिन की पढ़ाई टोपीवाला नेशनल मेडिकल कॉलेज से की।
– उन्हें मानने वाले कहते हैं कि उनकी मेमोरी गजब की है। वो अपने लेक्चर में कुरआन, गीता और बाइबल की बातें सुनाते हैं, जो उन्हें जुबानी याद हैं।
– खुद को सही इस्लाम का स्टूडेंट कहते हैं। और इस्लाम सिखाने, समझाने वाली 5000 से ज्यादा किताबें उनके डोंगरी वाले सेंटर पर रखी हैं।
– इसी इलाके में वो इस्लामिक इंटरनेशनल स्कूल चलाते हैं। इस्लाम माननेवाले युवाओं को स्कॉलरशिप भी बांटते हैं।
झूठे हैं जाकिर के वीडियो
– मकसूद दस साल से डॉ. जाकिर को फॉलो कर रहे हैं। उन्हें लेकर जो विवाद सामने आ रहे हैं, डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर मकसूद इसे झूठ बताते हैं।
– कहते हैं वीडियो दिखाया जिसमें जाकिर कह रहे हैं हर मुसलमान को टेररिस्ट होना चाहिए।
– लेकिन उसके आगे का वीडियो नहीं दिखाया जिसमें जाकिर समझा रहे हैं कि टेररिस्ट यानी क्या? टेररिस्ट यानी जो एंटी सोशल लोगों के लिए टेरर बने।
– हालांकि जाकिर को ब्रिटेन और कनाडा 2010 में ही बैन कर चुका है। मलेशिया ने भी उनके लेक्चर पर प्रतिबंध लगाया है। बांग्ला टीवी का प्रसारण भी रोका जा चुका है।
गिरफ्तारी के डर से नाइक ने टाली भारत वापसी
– डॉ. जाकिर नाइक ने अपने खिलाफ कानून का शिकंजा कसते देख स्वदेश वापसी टाल दी है।
– वह सोमवार को सऊदी अरब से मुंबई आने वाला था, और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई देने वाला था। लेकिन एेसा नहीं किया।
– बल्कि वही से बयान जारी कर विवाद के लिए मीडिया को जिम्मेदार बता दिया। यह भी बताया जा रहा है कि नाइक अफ्रीकी देश चला गया है।
– नाइक का दावा है कि मीडिया में उसके जो वीडियो दिखाए जा रहे हैं वे या तो आधे अधूरे हैं या काटछांट के साथ पेश किए जा रहे हैं।
– यह भी कहा कि उससे किसी भारतीय जांच एजेंसी ने कॉन्टैक्ट कर मामले में सफाई नहीं मांगी है। वह जांच एजेंसियों का पूरा सहयोग करेगा।
शिवसेना ने की गिरफ्तारी की मांग
– इस बीच शिवसेना ने जाकिर की गिरफ्तारी की मांग की है। पार्टी के माउथपीस सामना के जरिए पार्टी ने नाइक को जैश ए मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर की तरह बताया है।
– वहीं समाजवादी पार्टी नेता अबू आसिम आजमी ने नाइक का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें बेवजह निशाना बनाया जा रहा है। आजमी ने कहा कि लोग साध्वी प्रज्ञा के बारे में चुप हैं।
– प्रज्ञा की होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह के साथ फोटो है। वह आरएसएस से जुड़ी हुई थी। लोग उसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं?