उदयपुर । उदयपुर (Manappuram Gold Loan) में 29 अगस्त को हुई मणप्पुरम गोल्ड लोन (Manappuram Gold Loan)के ऑफिस में 24 किलो सोने की लूट मामले में 7 दिन बाद भी पुलिस कोई खुलासा नहीं कर पाई है। थानाधिकारी से लेकर बीट ऑफिसर तक की जिम्मेदारी थी कि किराएदारों का डेटा उनके पास हो। फिलहाल उदयपुर में बड़ी लूट को अंजाम देकर आरोपी अब तक पुलिस गिरफ्त से दूर हैं।
पूरे मामले पर पुलिस अब तक कुछ बता नहीं रही है।प्रतापनगर थाना इलाके में स्थित ऑफिस में लूट के लिए बदमाशों ने अपना अड्डा शहर से 15 किलोमीटर दूर डबोक में बनाया था। जिस मकान में ये किराए पर रहते थे, वो डबोक थाने से महज 500 मीटर की दूरी पर है। सभी उदयपुर-चित्तौड़गढ़ हाईवे पर देखे गए।
आरोपी वारदात के बाद अपने मकान पर भी नही पहुंचे। वे भटेवर की तरफ निकल गए। अब पुलिस के 250 जवानों की टीम उन्हें ढूंढने में लगी है। 400 से अधिक सीसीटीवी खंगाले जा चुके हैं, लेकिन अब तक कुछ खास लीड नहीं मिली है। लुटेरों के किराए पर लेने से पहले कोई कुक रहा करता था। जिन्हें बिहार वाले व्यक्ति द्वारा खाली करा दिया गया था।
उसके एक दिन बाद से ही लुटेरे यहां रहने आए थे। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार वारदात से 15 दिन पहले ही डबोक मावली स्टेट हाईवे पर मुख्य मार्ग से 50 फीट अंदर एक गली में लुटेरों ने एक मकान किराए पर लिया था। फिर रेकी शुरू की। 29 अगस्त को वारदात करने के बाद आरोपी हाथ में सोने से भरा बैग लेकर प्रताप नगर थाने के सामने और नाके से गुजरे थे, लेकिन किसी पुलिसकर्मी की उन पर निगाह नहीं पड़ी। बैंक के सीसीटीवी के साथ पुलिस आसपास लगे तमाम कैमरों को खंगाल चुकी है। दो बाइक पर आए 5 बदमाश करीब 12 करोड़ रुपए के गोल्ड के गहने-जेवर लूट ले गए थे।