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अमेरिका बोला- अनजाने में हुआ, साउथ चाइना सी पर US बॉम्बर की उड़ान से भड़का चीन

बीजिंग. यूएस मिलिट्री के बॉम्बर प्लेन बी-2 के साउथ चाइना सी के ऊपर नजर आने के बाद चीन ने कड़ा विरोध जताया है। हालांकि, अमेरिका का कहना है कि यह घटना अनजाने में हुई है। अमेरिका ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। बता दें कि विवादित साउथ चाइना सी पर चीन अपना हक जताता है।

क्या कहा पेंटागन ने?

– विवादित समंदर के आर्टिफिशियल आइलैंड के ऊपर बी-2 बॉम्बर प्लेन का उड़ान भरना अनजाने में हुई घटना है।
– पेंटागन के स्पोक्सपर्सन बिल अर्बन ने कहा, “12 नॉटिकल मील के भीतर उड़ान भरने का हमारा कोई इरादा नहीं था। हमने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं।”
– कथित तौर पर यह घटना पिछले हफ्ते हुई थी, जब पेंटागन ने कहा था कि दो बी-2 बॉम्बर प्लेन इलाके में रूटीन कैंपेन के तहत गए थे।

चीन ने इशारों में भारत-अमेरिका को दी वॉर्निंग
– भारत में चीन के एंबेसडर ली युचेंग ने इशारों में भारत और अमेरिका को एकसाथ वॉर्निंग दी।
– युचेंग के मुताबिक, ‘उन देशों को इन मुद्दों पर दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए, जो उनके क्षेत्र से बाहर हैं।’ शनिवार को युचेंग ने यह बात ‘द एशिया-पेसिफिक कंट्री: इंडिया एंड बिग पावर इंगेजमेंट’ पर आयोजित डेक्कन हेराल्ड के एक कार्यक्रम में कही।
– बीजेपी नेता राम माधव ने युचेंग की इस कमेंट पर कड़ा विरोध दर्ज कराया।
– माधव ने ‘फ्रीडम ऑफ नेविगेशन’ का हवाला देते हुए कहा, “जिस तरह हिंद महासागर भारत का नहीं है। पूरी दुनिया इसकी साझेदारी करती है। उसी तरह का मामला साउथ चाइना सी का भी है।”

हाल ही में भारत ने जताया था विरोध
– दिसंबर के दूसरे हफ्ते में भारत-जापान ने एक ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी कर साउथ चाइना सी मुद्दे पर एकजुटता दिखाई थी।
– दोनों देशों ने इलाके में चीन की ‘एकतरफा कार्रवाई’ का विरोध भी किया था।
– स्टेटमेंट में भारत-जापान ने कहा था, “हमारा मानना है कि इस विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाना चाहिए। सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय समुद्री नियमों का पालन करना चाहिए।”

यूएस थिंक टैंक ने कही थी चीन के कब्जे की बात
– यूएस थिंकटैंक एशिया मैरीटाइम ट्रांसपेरेंसी इनिशिएटिव के मुताबिक चीन पहले ही आर्टिफिशियल आइलैंड पर कई बिल्डिंग बना चुका है।
– यहां उसने कम्युनिकेशन, मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर, हेलिपैड, और कांक्रीट प्लांट बनाए हैं।

क्या है विवाद?
– चीन साउथ चाइना सी के 12 नॉटिकल मील इलाके पर हक जताता है। इस इलाके को ‘12 नॉटिकल मील टेरिटोरियल लिमिट’ भी कहा जाता हैं।
– दक्षिण-पूर्व एशिया के कई देश भी इस इलाके में स्थित स्प्रेटली आइलैंड, पैरासेल आइलैंड्स और स्कारबोरोफ रीफ पर अपना दावा जताते हैं।
– इस इलाके में एनर्जी के बड़े रिसोर्स हैं।
-इस पर दावा जताने वाले देशों में ताइवान, फिलीपींस, वियतनाम और मलेशिया शामिल हैं। समंदर के इस रास्ते से हर साल 4.42 लाख करोड़ रुपए का बिजनेस किया जाता है।
– चीन ने 2013 के आखिर में पानी में डूबे इस रीफ एरिया को आर्टिफिशियल आइलैंड में बदल दिया।
– सितंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मीटिंग में शी जिनपिंग ने कहा था कि वे इस इलाके में सेना तैनात नहीं करना चाहते।
– वहीं, अमेरिका का कहना था कि चीन यहां मिलिट्री एक्टिविटीज बढ़ा रहा है।

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