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21 मार्च बेहद विशाल Asteroid पृथ्वी के करीब गुजरेगा 21 मार्च

 हर साल की तरह इस साल भी एक क्षुद्रग्रह अर्थात एस्टेरॉयड पृथ्वी के निकट आने के लिए तैयार है। अब तक का सबसे बड़ा माने जाने वाला यह एस्टेरॉयड 21 मार्च को यह हमारी पृथ्वी के सबसे करीब होगा। 231937 (2001 एफओ 32) नामक यह एस्टेरॉयड आइफिल टावर से तीन गुना बड़ा बताया जा रहा है। नासा के हिसाब से यह स्पेस रॉक तकरीबन 34.4 किलोमीटर प्रति सेकंड या 123,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सोलर सिस्टम से गुजरने वाला है। यह एस्टेरॉयड 5.3 लुनार डिस्टेंस से हमारी पृथ्वी के पास होकर जाएगा। एक लुनार डिस्टेंस 384,317 किलोमीटर के बराबर होता है यानी पृथ्वी और चांद के बीच की दूरी। वहीं पृथ्वी और 2001 एफओ 32 की दूरी तकरीबन दो मिलियन किलोमीटर से ज्यादा होने वाली है। अगर आप इस एस्टेरॉयड को देखना चाहते हैं तो आपको 8” या उससे ज्यादा बड़े डायमीटर वाला टेलीस्कोप इस्तेमाल कर सुबह 8 बजे से 8:30 के बीच देख सकते हैं। 2001 एफओ32 नामक इस एस्टेरॉयड की खोज 23 मार्च, 2001 में की गई थी। इस एस्टेरॉयड को नासा द्वारा अपोलो एस्टेरॉयड ग्रुप के तहत क्लासिफाई किया गया था। 020 XU6 नाम का एक क्षुद्रग्रह पृथ्वी के पिछले हिस्से के लिए तैयार है और 22 फरवरी को हमारे ग्रह के सबसे करीब होने की उम्मीद है। अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्टों के अनुसार, क्षुद्रग्रह लंबाई में 213 मीटर और स्टैचू ऑफ़ लिबर्टी के आकार से लगभग दोगुना है। यह वर्तमान में एक घंटे में 30,240 किलोमीटर की जबरदस्त गति से सौर प्रणाली के करीब पहुंच रहा है। अपनी गति का एहसास कराने के लिए, क्षुद्रग्रह एक घंटे में पृथ्वी के चारों ओर यात्रा कर सकता है। नासा ने कहा कि क्षुद्रग्रह पृथ्वी से नहीं टकराएगा, लेकिन इसे “संभावित खतरनाक” के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

प्रमुख अंतरिक्ष संगठन ने क्षुद्रग्रह को ‘नियर अर्थ ऑब्जेक्ट’ के रूप में वर्णित किया है।”NEO धूमकेतु और क्षुद्रग्रह हैं जिन्हें पास के ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण आकर्षण द्वारा कक्षाओं में रखा गया है जो उन्हें पृथ्वी के पड़ोस में प्रवेश करने की अनुमति देते हैं। धूमकेतु और क्षुद्रग्रहों में वैज्ञानिक रुचि कुछ हद तक सौर प्रणाली निर्माण प्रक्रिया से अपेक्षाकृत अपरिवर्तित अवशेष मलबे के रूप में लगभग 4.6 बिलियन साल पहले है। ”नासा ने अपनी जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) वेबसाइट पर कहा। नास्त्रेदमस, प्रसिद्ध फ्रांसीसी ज्योतिषी ने भविष्यवाणी की थी कि एफीलॉइड जितना बड़ा हो सकता है कि एफिल टॉवर पृथ्वी के निकट आ रहा है और 2021 में कुछ समय पहले हिट होने की भविष्यवाणी की गई है।क्या होते हैं एस्टेरॉयड एस्टेरॉयड या क्षुद्रग्रह छोटे, चट्टानी पदार्थ हैं जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं।

हालांकि क्षुद्रग्रह सूर्य की तरह ग्रहों की परिक्रमा करते हैं, वे ग्रहों की तुलना में बहुत छोटे हैं। क्षुद्रग्रह छोटे, चट्टानी पदार्थ हैं जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं। हालांकि क्षुद्रग्रह सूर्य की परिक्रमा ग्रहों की तरह करते हैं, वे ग्रहों की तुलना में बहुत छोटे हैं। आने वाले 100 सालों में धरती से टकरा सकते हैं 900 क्षुद्र ग्रह खतरा अभी टला नहीं है। यूरोपीयन स्पेस एजेंसी ने अगले 100 वर्षो में 900 क्षुद्र ग्रहों के धरती से टकराने की आशंका जताई है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि इनमें से छोटे से छोटा ग्रह भी धरती पर भारी तबाही मचा सकता है। ऐसे में धरती से टकराव के जोखिमों को कम करने के लिए यूरोपीयन स्पेस एजेंसी और कई अन्य समूह मिलकर इन क्षुद्र ग्रहों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारियां जुटाने में लगे हैं। क्षुद्र ग्रहों से धरती को बचाने की योजनाओं पर काम शुरू हो गया है।

इसी को लेकर रोम में दुनियाभर के वैज्ञानिकों की एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में डार्ट अंतरिक्षयान को धरती की ओर बढ़ते क्षुद्र ग्रहसे टकराने पर चर्चा की गई। नासा की योजना फ्रिज के आकार के डार्ट अंतरिक्षयान को गोली से रफ्तार से नौ गुना तेजी से एक अंतरिक्ष चट्टान से टकराने की है, ताकि वह अपने रास्ते से भटक जाए। डार्ट दरअसल ‘डबल एस्ट्रॉयड रिडॉयरेक्शन टेस्ट’ है।भविष्य में इसका प्रयोग खतरनाकफिलहाल यह मिशन सिर्फ एक परीक्षण है, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि भविष्य में इसका प्रयोग खतरनाक क्षुद्र ग्रहों को पृथ्वी की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए किया जा सकेगा। नासा ने इस मिशन को अनुमोदित कर दिया है। डार्ट का लक्ष्य एक ऐसा क्षुद्र ग्रह है, जो 2022 में पृथ्वी के नजदीक से गुजरेगा और दो वर्ष बाद वापस आएगा। यह दरअसल, डिडिमोस नामक दो क्षुद्र ग्रह हैं। इनमें से डिडिमोस ए बड़ा और डिडिमोस बी छोटा है।

नासा डिडिमोस बी को अपनी दिशा से भटकाने की कोशिश करेगा। यह छोटी चट्टान सिर्फ 160 मीटर चौड़ी है।पहुंच सकता है धरती को भारी नुकसान अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने अधिकांश क्षुद्र ग्रहों की खोज की है, जो आकार में लगभग एक किलोमीटर जितने चौड़े हैं, लेकिन वैज्ञानिकों के निशाने में 140 मीटर चौड़े क्षुद्र ग्रह ही हैं, क्योंकि उनके टकराने पर धरती को भारी नुकसान पहुंच सकता है। रूस के चेल्याबिंस्क शहर में गिरे 17 से 20 मीटर चौड़े क्षुद्र ग्रह की ऊर्जा शक्ति 0.5 मेगाटन टीएनटी के बराबर थी जबकि हिरोशिमा में गिराए गए परमाणु बम की शक्ति 15 किलोटन टीएनटी के बराबर थी। रूस के तुंगुस्का नदी के पास गिरे 30 से 40 मीटर चौड़े क्षुद्र ग्रह की ऊर्जा शक्ति 3 से 10 मेगा टन टीएनटी के बराबर थी जबकि 50 मेगाटन टीएनटी के बराबर थी जार बॉम की शक्ति।सूर्य की ओर बढ़ रहा है दूसरे सौरमंडल का धूमकेतुअमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक एक धूमकेतु जो सूर्य की ओर बढ़ रहा है। खगोलविदों ने बताया कि यह धूमकेतु 150000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। इससे लगता है कि इसकी उत्पत्ति हमारे सौर मंडल से बाहर हुई है। यह सूर्य से 42 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और लगातार इसके करीब आ रहा है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि यह पृथ्वी से बहुत दूर और मंगल ग्रह की कक्षा के पास से होकर गुजरेगा। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह दिसंबर महीने में सूर्य से टकराकर दोबारा इंटरस्टेलर स्पेस में चला जाएगा।

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