महिला आरक्षण बिल के खिलाफ 2 और पक्ष में 454 वोट(महिला आरक्षण)
नई दिल्ली. लोकसभा में बुधवार को महिला आरक्षण (महिला आरक्षण) विधेयक के खिलाफ केवल दो सांसदों ने वोट किया, जबकि समर्थन में 454 वोटों के बहुमत से बिल पारित हो गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील ने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के खिलाफ वोट किया होगा क्योंकि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने बिल का विरोध किया था. अपनी बहस के दौरान औवैसी ने कहा कि यह बिल केवल सवर्ण महिलाओं की भागीदारी को सुविधाजनक बनाएगा.
बिल पास होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने एनके प्रेमचंद्रन से अपने संशोधन के बिंदु को स्पष्ट करने के लिए कहा, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘जितना संभव हो सके’ एक-तिहाई सीटों से पहले इसे हटा दिया जाना चाहिए और अनिवार्य रूप से शामिल किया जाना चाहिए. एनके प्रेमचंद्रन ने कहा, “यह एक सामान्य संशोधन है.” केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि ‘लगभग’ शब्द का इस्तेमाल क्यों किया गया है क्योंकि इसका फैसला परिसीमन आयोग करेगा. प्रेमचंद्रन ने कहा, ‘स्पष्टीकरण के अधीन, मैं अपना संशोधन वापस ले रहा हूं.’
‘अल्लाह हमारे साथ है’
इसके बाद स्पीकर ने औवेसी से अपनी बात रखने को कहा. ओवैसी ने कहा कि वह अपना संशोधन पेश करेंगे और इस पर मतविभाजन की मांग करेंगे. ओम बिड़ला ने कहा, “कोई भी आपके पक्ष में नहीं है.” इस पर ओवैसी और एआईएमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने आसमान की ओर इशारा करते हुए कहा कि अल्लाह उनके साथ है.
महिला आरक्षण बिल: ओवैसी की पार्टी ने क्यों किया इसका विरोध?
ओवैसी ने कहा कि संसद में कम प्रतिनिधित्व वाली ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं को महिला आरक्षण विधेयक में कोई कोटा क्यों नहीं दिया जा रहा है. ओवेसी ने कहा, “मैं इस कानून का विरोध करता हूं… विधेयक के लिए जो औचित्य दिया जा रहा है वह यह है कि अधिक महिलाएं संसद में निर्वाचित होंगी. यदि यही औचित्य है, तो उस औचित्य को ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं तक क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा है जिनका प्रतिनिधित्व सदन न्यूनतम है.”
‘लोकसभा में मुस्लिम महिलाओं का प्रतिनिधित्व सिर्फ 0.7%’
ओवैसी ने आगे कहा, ”हम जानते हैं कि मुस्लिम महिलाएं आबादी का सात प्रतिशत हैं, लेकिन इस लोकसभा में उनका प्रतिनिधित्व केवल 0.7 प्रतिशत है.” उन्होंने कहा, “यह केंद्र सरकार सवर्ण महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है. वे ओबीसी महिलाओं और मुस्लिम महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व नहीं चाहते हैं. लोकसभा में 690 महिला सांसद चुनी गई हैं और उनमें से केवल 25 मुस्लिम समुदाय से आई हैं.”
ओवैसी ने केंद्र पर साधा निशाना
एआईएमआईएम सांसद ओवैसी ने कहा, “मैंने सुना है कि धार्मिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता? 1950 का राष्ट्रपति आदेश क्या है? इस आरक्षण में आरक्षण से इनकार करके आप मुस्लिम महिलाओं को धोखा दे रहे हैं.”
‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ के कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी. राज्य विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी. विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा.