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1925 रुपये हो सकता है गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य

गेहूं और सरसों जैसी राबी सीजन की फसलों पर केंद्र सरकार जल्द ही न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ा सकती है। कृषि मंत्रालय ने इसके लिए प्रस्ताव को तैयार कर लिया है। हालांकि हरियाणा में लगी आचार संहिता के चलते इसकी घोषणा चुनावों के बाद ली जाएगी। पंजाब और हरियाणा देश भर में गेहूं की 70 फीसदी मांग को पूरा करते हैं। 

1925 रुपये होगा गेहूं का समर्थन मूल्य

प्रस्ताव के अनुसार गेहूं का समर्थन मूल्य 1840 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर के 1925 रुपये किया जाएगा। इसके अलावा सरसों का मूल्य 4200 रुपये से बढ़ाकर के 4425 रुपये किया जाएगा। वहीं मसूर की कीमत 4475 रुपये से बढ़ाकर के 4800 रुपये की जा सकती है। जौ की कीमत 1440 रुपये से बढ़ाकर के 1525 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा सूरजमुखी की कीमत 4925 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर के 5215 रुपये की जा सकती है। 

नवंबर में जारी होगी अधिसूचना

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कृषि मंत्रालय ने जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसको कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा, जिसके बाद नवंबर में अधिसूचना को जारी कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार लगातार दालों और तिलहन के उत्पादन को खाद्य उत्पादों के इतर काफी बढ़ावा दे रही है। पिछले कई सालों से अनाज का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर हो रहा है, जिसके चलते सराकरी गोदाम भरे पड़े हैं। फिलहाल देश भर में अनाज का 7.1 करोड़ टन का स्टॉक पड़ा है। अब सरकार खाद्य तेल का उत्पादन बढ़ाना चाहती है, ताकि आयात बिल को कम किया जा सके। खाद्य तेलों के आयात पर सरकार हर साल 80 हजार करोड़ रुपये खर्च करती है। इसलिए सरसों और सूरजमुखी का उत्पादन करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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