उत्तर प्रदेशराजनीति
14 दिन की जेल, 6 साल के लिए पार्टी से आउट, नहीं चली SP MLA की दबंगई
लखनऊ. सपा विधायक रामपाल यादव को शुक्रवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया। जहां से रामपाल सहित 9 आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इसके बाद सपा ने तत्काल एक्शन लेते हुए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से बर्खास्त कर दिया है। जानिए क्या है पूरा घटनाक्रम…
-रामपाल यादव के लखनऊ और सीतापुर स्थित अवैध बिल्डिंग को गुरुवार को प्रशासन ने गिरा दिया।
– जैसे ही जेसीबी ने अवैध निर्माण को गिराना शुरू किया, वैसे ही रामपाल के समर्थक मौके पर पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया।
-एलडीए के वीसी सहित अफसरों के साथ रामपाल के गुर्गों ने बदसलूकी की और बंदूक लहराकर डराने की कोशिश की।
-इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज भी किया।
– इस मामले में पुलिस ने रामपाल सहित उनके गुर्गों को हिरासत में ले लिया था।
-एसएसपी राजेश कुमार पाण्डेय के मुताबिक विधायक के भतीजे जितेन्द्र और पुष्पेन्द्र की लाइसेंसी पिस्टल जब्त कर ली गई है।
-इनके लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति डीएम से की जा रही है।
सरकार और प्रशासन पर लगाया साजिश का आरोप
विधायक के भतीजे जितेन्द्र ने vicharsuchak.com से बताया कि उनके पिता के खिलाफ जिला प्रशासन और सरकार के कुछ लोग षड्यंत्र रच रहे हैं। जिस जमीन को प्रशासन अवैध बता रहा है वो उनकी है। उन्होंने दोस्त के साथ पार्टनरशिप में वह जमीन खरीदी थी। कागजात भी हमारे पास मौजूद है। फिर ये करवाई क्यों हुई? इसका जवाब कोई देने को तैयार नहीं है।
पुलिस लाइन में समर्थक करते रहे हंगामा, पुलिस ने खदेड़ा
जियामऊ में बिलिंडग ढहाने के दौरान बवाल करने वाले सपा विधायक रामपाल यादव, पूर्व विधायक राजेन्द्र यादव व इनके बेटों जितेन्द्र, शिवेन्द्र और पुष्पेन्द्र समेत नौ लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन लाया गया। इनके समर्थक भी वहां पहुंच गए। पहले समर्थकों को लगा कि विधायक छोड़ दिए जाएंगे पर थोड़ी देर बाद ही उन्हें पता चल गया कि विधायक व सभी गिरफ्तार लोगों को पुलिस लाइन के संगोष्ठी हाल में ही रात गुजारनी पड़ेगी। समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया।
सीतापुर में भी गिराई गई विवादित बाउंड्रीवॉल
– हाईकोर्ट के आदेश के बाद विवादित स्पर्श होटल की बाउंड्रीवॉल जेसीबी मशीन से गिरा दिया गया।
– लंबे समय से विवाद के घेरे में था स्पर्श होटल।
– प्रशासन व भारी पुलिस बल की मौजूदगी में होटल को गिराने की कार्यवाही की गई।
– इस दौरान किसी भी विकट परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशासन की तरफ से अतिरिक्त पुलिस बल को भी मौके पर बुलाया गया
– बता दें, बिसवां के विधायक रामपाल यादव का संरक्षण इस होटल को प्राप्त है। इस पूरे मामले में मौके पर मौजूद विधायक पक्ष के वकील ललित निश्रा का कहना है कि इस होटल के संबंध में कोर्ट का स्टे है।
– वहीं, सीतापुर के एडीएम सर्वेश कुमार दीक्षित ने बताया कि किसी भी विवादित निर्माण के संबंध में कोई स्टे नहीं है।
– लंबे समय से विवाद के घेरे में था स्पर्श होटल।
– प्रशासन व भारी पुलिस बल की मौजूदगी में होटल को गिराने की कार्यवाही की गई।
– इस दौरान किसी भी विकट परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशासन की तरफ से अतिरिक्त पुलिस बल को भी मौके पर बुलाया गया
– बता दें, बिसवां के विधायक रामपाल यादव का संरक्षण इस होटल को प्राप्त है। इस पूरे मामले में मौके पर मौजूद विधायक पक्ष के वकील ललित निश्रा का कहना है कि इस होटल के संबंध में कोर्ट का स्टे है।
– वहीं, सीतापुर के एडीएम सर्वेश कुमार दीक्षित ने बताया कि किसी भी विवादित निर्माण के संबंध में कोई स्टे नहीं है।
इससे पहले कार्रवाई के नाम पर एलडीए ने की थी खानापूर्ति
बता दें कि पिछले महीने 29 जनवरी 2016 को 2 जेसीबी, 1 जनरेटर, 1 थाने की पुलिस और 1 कंपनी पीएसी के साथ एलडीए का दस्ता अवैध निर्माण ढहाने पहुंचा था। कार्रवाई शुरू करते ही विधायक रामपाल ने प्रश्नों और आरोपों से एलडीए के अधिकारियों को घेर लिया था। कमाल की बात यह रही थी कि एलडीए द्वारा कार्रवाई की कोई खास तैयारी नहीं दिखी थी। विधायक ने कहा था कि क्या एलडीए को पता है इस क्षेत्र में कितने अवैध निर्माण हैं? एलडीए अधिकारी इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए थे। इसके बाद विधायक ने जब ध्वस्तीकरण के आदेश एलडीए से मांगे तो अधिकारियों के पास वो भी नहीं मौजूद था। इसके बाद एलडीए दस्ता वापस लौट गया था।
पंचायत चुनाव के दौरान पार्टी से निकाले गए थे विधायक
– बताते चलें कि, पंचायत चुनाव के दौरान सपा से रामपाल यादव को निकाल दिया गया था।
– इसके बाद उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में पार्टी के खिलाफ प्रत्याशी खड़े किए और जीत भी दिलाई।
– हालांकि, बाद में उनका निलंबन वापस ले लिया गया।
– आखिरकार अखिलेश यादव की सख्ती के आगे सपा के बागी विधायक रामपाल यादव की दबंगई काम न आई।
– गुरुवार दोपहर एलडीए के दस्ते ने पुलिस के साथ मिलकर विधायक की बेटी दीपा यादव के नाम दर्ज भूखंड के अवैध निर्माण ध्वस्त करवा दिया।
– बता दें इस निर्माणाधीन बिल्डिंग में सीएम के निर्देशों को ताक पर रखकर इस बागी विधायक ने व्यवसायिक काम शुरू करवा दिया था।
– इसके बाद उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में पार्टी के खिलाफ प्रत्याशी खड़े किए और जीत भी दिलाई।
– हालांकि, बाद में उनका निलंबन वापस ले लिया गया।
– आखिरकार अखिलेश यादव की सख्ती के आगे सपा के बागी विधायक रामपाल यादव की दबंगई काम न आई।
– गुरुवार दोपहर एलडीए के दस्ते ने पुलिस के साथ मिलकर विधायक की बेटी दीपा यादव के नाम दर्ज भूखंड के अवैध निर्माण ध्वस्त करवा दिया।
– बता दें इस निर्माणाधीन बिल्डिंग में सीएम के निर्देशों को ताक पर रखकर इस बागी विधायक ने व्यवसायिक काम शुरू करवा दिया था।