main slideउत्तर प्रदेश
117 में से 20 हिस्ट्रीशीटर ही जेल में, 30 लापता कैराना बन रहा है मिनी पाकिस्तान?
मेरठ.कैराना में बढ़ता क्राइम लोगों के पलायन की बड़ी वजह माना जा रहा है। पलायन होने की बात को कोई नकार नहीं रहा है, लेकिन इसकी बड़ी वजह बदमाशों का डर है। गुंडों की दहशत के कारण ही लोग खुलकर नहीं बोलते हैं। बदमाशों का यहां कितना आतंक है, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि व्यापारी अपने साथ हुई घटना की शिकायत को लेकर अब पुलिस के पास जाने से भी बचने लगे हैं। लोगों के मुताबिक, कैराना में बढ़ते क्राइम के चलते ही अब इसे मिनी पाकिस्तान कहा जाने लगा है। लापता हैं कैराना थाने के 30 हिस्ट्रीशीटर…
– कैराना बदमाशों का कितना बड़ा गढ़ बन गया है, यह ऐसे ही समझा जा सकता है कि कैराना थाने में दर्ज हिस्ट्रीशीटरों की संख्या 117 है।
– लेकिन पुलिस रिकार्ड के मुताबिक, इसमें से केवल 20 हिस्ट्रीशीटर ही जेल में हैं, जबकि बाकी जेल से बाहर हैं।
– चौंकाने वाली बात ये हैं कि पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज इन 117 में से 30 हिस्ट्रीशीटर लापता हैं।
– ये कहां हैं, अभी क्या कर रहे हैं, इसकी पुलिस के पास कोई जानकारी नहीं है।
– लोगों का कहना है कि हिस्ट्रीशीटर इतने हैं तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि छोटे बदमाश कितने होंगे।
– लेकिन पुलिस रिकार्ड के मुताबिक, इसमें से केवल 20 हिस्ट्रीशीटर ही जेल में हैं, जबकि बाकी जेल से बाहर हैं।
– चौंकाने वाली बात ये हैं कि पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज इन 117 में से 30 हिस्ट्रीशीटर लापता हैं।
– ये कहां हैं, अभी क्या कर रहे हैं, इसकी पुलिस के पास कोई जानकारी नहीं है।
– लोगों का कहना है कि हिस्ट्रीशीटर इतने हैं तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि छोटे बदमाश कितने होंगे।
90 के दशक से बढ़ा क्राइम
– यहां सबसे ज्यादा हिस्ट्रीशीट 90 के दशक के बाद खुलनी शुरू हुई थी।
– इलाके का कुख्यात बदमाश मुकीम काला और उसके गैंग के कुछ साथी इस समय जेल में हैं।
– लेकिन लोकल लोगों की मानें तो मुकीम काला गैंग के कई बदमाश अब भी उसके लिए काम कर रहे हैं।
– 18 जून 2016 तक कैराना थाने में करीब 390 मुकदमे कई मामलों के दर्ज हो चुके हैं। कैराना में 920 लोगों के पास लाइसेंसी हथियार हैं।
– इलाके का कुख्यात बदमाश मुकीम काला और उसके गैंग के कुछ साथी इस समय जेल में हैं।
– लेकिन लोकल लोगों की मानें तो मुकीम काला गैंग के कई बदमाश अब भी उसके लिए काम कर रहे हैं।
– 18 जून 2016 तक कैराना थाने में करीब 390 मुकदमे कई मामलों के दर्ज हो चुके हैं। कैराना में 920 लोगों के पास लाइसेंसी हथियार हैं।
कैराना को क्यों कहा जाता है मिनी पाकिस्तान?
– कैराना में बढ़ते क्राइम के चलते इस कस्बे को अब मिनी पाकिस्तान भी कहा जाने लगा है।
– यहां ऐसे कई बदमाश पकड़े गए, जो पाकिस्तान से अवैध हथियार और नकली करेंसी के अलावा नशे के सामान की तस्करी के आरोप में पकड़े गए।
– पाकिस्तान से तस्करी करने वालों में हाजी शान उर्फ सांड, इकबाल काना, हमीदा बेगम और दिलशाद मिर्जा का नाम मुख्य रूप से शामिल है।
– अटारी बॉर्डर से अवैध हथियारों की तस्करी में कैराना और कांधला का नाम सामने आ चुका है।
– कैराना के बारे में यह भी कहा जा रहा है कि यहां अवैध रूप से अवैध तमंचे बनाने का काम कई स्थानों पर हो रहा है।
– लोग दबी जुबान से कैराना से सटे कई गांवों में भी अवैध तमंचे बनाए जाने की बात कहते हैं।
– यहां ऐसे कई बदमाश पकड़े गए, जो पाकिस्तान से अवैध हथियार और नकली करेंसी के अलावा नशे के सामान की तस्करी के आरोप में पकड़े गए।
– पाकिस्तान से तस्करी करने वालों में हाजी शान उर्फ सांड, इकबाल काना, हमीदा बेगम और दिलशाद मिर्जा का नाम मुख्य रूप से शामिल है।
– अटारी बॉर्डर से अवैध हथियारों की तस्करी में कैराना और कांधला का नाम सामने आ चुका है।
– कैराना के बारे में यह भी कहा जा रहा है कि यहां अवैध रूप से अवैध तमंचे बनाने का काम कई स्थानों पर हो रहा है।
– लोग दबी जुबान से कैराना से सटे कई गांवों में भी अवैध तमंचे बनाए जाने की बात कहते हैं।
थाने की कमान टू स्टार दारोगा को…
– शामली जिले का कैराना थाना थ्री स्टार दारोगा यानी इंस्पेक्टर लेवल का थाना है।
– लेकिन इस संवेदनशील थाने की कमान वर्तमान में एक टू स्टार दारोगा यानी सब इंस्पेक्टर के हाथ में है, जिस पर भी लोकल लोग सवाल खड़ा करते हैं।
– उनका कहना है कि कैराना थाने को पुलिस नहीं, कुछ नेता चला रहे हैं। ये लोग सुबह-शाम थाने में बैठे रहते हैं।
– अगर कोई पीड़ित किसी दबंग या बदमाश के खिलाफ शिकायत लेकर आता है तो ये कथित नेता समझौते का दबाव बनाकर मामला रफा-दफा करवा देते हैं।
– यही कारण है कि क्राइम बढ़ने के बावजूद यहां दर्ज होने वाले केस काफी कम हैं।
– लेकिन इस संवेदनशील थाने की कमान वर्तमान में एक टू स्टार दारोगा यानी सब इंस्पेक्टर के हाथ में है, जिस पर भी लोकल लोग सवाल खड़ा करते हैं।
– उनका कहना है कि कैराना थाने को पुलिस नहीं, कुछ नेता चला रहे हैं। ये लोग सुबह-शाम थाने में बैठे रहते हैं।
– अगर कोई पीड़ित किसी दबंग या बदमाश के खिलाफ शिकायत लेकर आता है तो ये कथित नेता समझौते का दबाव बनाकर मामला रफा-दफा करवा देते हैं।
– यही कारण है कि क्राइम बढ़ने के बावजूद यहां दर्ज होने वाले केस काफी कम हैं।
लोगों में है डर और दहशत का माहौल
– एडवोकेट साजिद अली ने बातचीत में बताया कि ये सही है कि कैराना में बदमाशों की वजह से लोगों में डर और दहशत है।
– लोगों ने अपनी आवाज इसलिए उठानी बंद कर दी क्योंकि पुलिस प्रशासन उनकी शिकायत पर सुनवाई नहीं करता है।
– वहीं, एडवोकेट ईश्वरचंद जाटव कहते हैं कि हर वर्ग का व्यापारी बढ़ते क्राइम से त्रस्त है।
– लोग डर के ही कारण शिकायत नहीं करते हैं। उन्हें लगता है कि अगर उन्होंने शिकायत की तो जान से हाथ धोना पड़ेगा।
– साल 2014 में एक हफ्ते के अंदर 3 व्यापारियों का मर्डर होने के बाद यह डर व्यापारियों में और बढ़ गया है।
– दोनों वकीलों ने बताया कि यहां के हिंदू-मुसलमानों को आपस में कोई गिला-शिकवा नहीं है, लेकिन जो बदमाश यहां अपनी जड़ें मजबूत कर रहे हैं, उनका डर पलायन को मजबूर कर रहा है।
– बहू-बेटी सुरक्षित न होने की वजह से गरीब तबका यहां से सुरक्षित स्थानों पर जा रहा है।
– लोगों ने अपनी आवाज इसलिए उठानी बंद कर दी क्योंकि पुलिस प्रशासन उनकी शिकायत पर सुनवाई नहीं करता है।
– वहीं, एडवोकेट ईश्वरचंद जाटव कहते हैं कि हर वर्ग का व्यापारी बढ़ते क्राइम से त्रस्त है।
– लोग डर के ही कारण शिकायत नहीं करते हैं। उन्हें लगता है कि अगर उन्होंने शिकायत की तो जान से हाथ धोना पड़ेगा।
– साल 2014 में एक हफ्ते के अंदर 3 व्यापारियों का मर्डर होने के बाद यह डर व्यापारियों में और बढ़ गया है।
– दोनों वकीलों ने बताया कि यहां के हिंदू-मुसलमानों को आपस में कोई गिला-शिकवा नहीं है, लेकिन जो बदमाश यहां अपनी जड़ें मजबूत कर रहे हैं, उनका डर पलायन को मजबूर कर रहा है।
– बहू-बेटी सुरक्षित न होने की वजह से गरीब तबका यहां से सुरक्षित स्थानों पर जा रहा है।
डर की वजह से कॉलेज नहीं जाती लड़कियां
– कैराना कस्बे में 4 इंटर कॉलेज और 1 राजकीय डिग्री कॉलेज है।
– लोगों का कहना है कि शिक्षा के ये संस्थान सांसद हुकुम सिंह की कोशिश से ही यहां बने हैं।
– दामोदर सैनी ने बताया कि लड़कियों से छेड़छाड़ का डर इतना है कि इस वजह से ज्यादातर लड़कियां कॉलेज नहीं जाती हैं।
– अगर ये लड़कियां एडमिशन लेती भी हैं तो केवल दो बार ही कॉलेज जाती हैं, एक बार एडमिशन लेने और दूसरी बार एग्जाम देने के समय।
– आसपास के गांव से आने वाली लड़कियों की भी कॉलेज में यही स्थिति है।
– दामोदर के मुताबिक, कॉलेज में बाहरी असामाजिक तत्व छेड़छाड़ और गुंडागर्दी करते हैं, लेकिन लोकल पुलिस की उन्हें रोकने की हिम्मत नहीं होती है।
– लोगों का कहना है कि शिक्षा के ये संस्थान सांसद हुकुम सिंह की कोशिश से ही यहां बने हैं।
– दामोदर सैनी ने बताया कि लड़कियों से छेड़छाड़ का डर इतना है कि इस वजह से ज्यादातर लड़कियां कॉलेज नहीं जाती हैं।
– अगर ये लड़कियां एडमिशन लेती भी हैं तो केवल दो बार ही कॉलेज जाती हैं, एक बार एडमिशन लेने और दूसरी बार एग्जाम देने के समय।
– आसपास के गांव से आने वाली लड़कियों की भी कॉलेज में यही स्थिति है।
– दामोदर के मुताबिक, कॉलेज में बाहरी असामाजिक तत्व छेड़छाड़ और गुंडागर्दी करते हैं, लेकिन लोकल पुलिस की उन्हें रोकने की हिम्मत नहीं होती है।