प्रथम चरण में 11 स्मारकों का चयन-Jaiveer Singh
लखनऊ ( 29 जुलाई 22 केवल ) – उ0प्र0 राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा एडॉप्ट-ए-हेरिटेज नीति ‘‘अपनी धरोहर-अपनी पहचान’’ के अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न स्मारकों, पुरास्थलों के स्थलीय विकास रख-रखाव एवं जन सुविधाओं का प्रबन्धन सार्वजनिक उद्यमों एवं निजी क्षेत्र की सहभागिता से उनके अपने संसाधनों द्वारा किये जाने के उद्देश्य से वर्ष 2021 में एडॉप्ट-ए-हेरिटेज नीति जारी की गई है।
इस नीति के तहत किसी भी निजी क्षेत्र के सार्वजनिक उद्यम, पीएसयू, एनजीओ अथवा व्यक्ति को स्मारक मित्र बनाया जा सकता है।
Protest : तंदूरी चिकन के बाद मच्छरदानी
स्मारक मित्र द्वारा सार्वजनिक जन सुविधिाएं, पहुंच मार्ग एवं पाथ-वे, स्थलों की स्वच्छता एवं सौन्दर्यीकरण तथा प्रकाश व्यवस्था का कार्य कराया जायेगा। इसके अलावा सूचना पट्ट, दिव्यांगजन की सुविधा के लिए शौचालय, रैम्प, व्हील चेयर, कैफेटेरिया तथा लाइट एण्ड साउण्ड का कार्य भी दायित्व सौंपा जायेगा।
यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में 11 स्मारकों/पुरास्थलों का चयन करने की कार्यवाही की जा रही है। इसके अंतर्गत छतर मंजिल एवं फ़रहत बख्श कोठी, कोठी गुलिस्ताने इरम, दर्शन विलास कोठी, हुलासखेड़ा उत्खनन स्थल, लखनऊ के अलावा कुसुमवन सरोवर, गोवर्धन की छतरियां, रसखान की समाधि, मथुरा, गुरूधाम मन्दिर, कर्दमेश्वर महादेव मंदिर, वाराणसी तथा चुनार का किला, मिर्जापुर एवं प्राचीन दुर्ग बरूआसागर झांसी शामिल हैं।