अंतराष्ट्रीय

11 हजार लोगों की हत्‍या का96 साल की महिला पर आरोप

96 साल की उम्र तक जीना ही एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, उस पर व्‍यक्ति इतनी उम्र में भी चलने-फिरने में सक्षम हो तो इसे सोने पर सुहागा कहा जा सकता है. लेकिन उत्तरी जर्मनी में 96 साल की एक महिला ने ऐसा काम किया है जिस पर यकीन करना मुश्किल है.

यह महिला नाजियों के कब्‍जे वाले पोलैंड में एसएस कमांडर सेक्रेटरी रही है और उस पर 11 हजार लोगों की हत्‍या में मदद करने का आरोप है. इसे लेकर महिला पर कोर्ट में केस भी चल रहा है लेकिन इसी दौरान उसने एक और कांड कर दिया.

पहले तो इर्मगार्ड फुरचनर नाम की यह महिला ट्रायल के लिए कोर्ट आने से लंबे समय तक बचती रही. इसके लिए उसके वकील ने महिला की उम्र का हवाला भी दिया. इसके बाद कोर्ट ने महिला के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया. लेकिन महिला कोर्ट आने की बजाय टैक्‍सी पकड़कर भाग गई.

96 साल की उम्र में भी कोर्ट और पुलिस से बचकर भागने की हिम्‍मत करने वाली यह महिला हालांकि अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाई और कुछ ही घंटों बाद अधिकारियों ने उसे पकड़ लिया. इसके बाद जेरूसलम में साइमन विसेन्थल सेंटर के कार्यालय में नाजी-हंटर चीफ एफ्रैम जुरॉफ ने कहा, ‘यदि वह भागने के लिए स्वस्थ है, तो वह कैद होने के लिए स्वस्थ है.’

बता दें कि 1939 से 1945 तक द्वितीय विश्‍वयुद्ध के दौरान नाजियों के कैंप में हजारों लोग मारे गए थे. उस दौरान जब इर्मगार्ड 18 साल की थीं, वे ऐसे ही एक कैंप की सेक्रेटरी थीं. लिहाजा उन पर जुवैनाइल कोर्ट में मामला चलाया जाना था. मेट्रो यूके की रिपोर्ट के मुताबिक बचाव पक्ष के वकील ने कहा है कि मुकदमा इस बात पर केंद्रित होगा कि 96 वर्षीय महिला को उस समय शिविर में हुए अत्याचारों की जानकारी थी या नहीं.

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