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10 साल की ये बेटी कानपुर से वाराणसी 570 Km तैरते हुए जाएगी

कानपुर.यहां 10 साल की श्रद्धा शुक्ला एक बार फिर गंगा की उफनाती लहरों के बीच तैरकर बनारस तक का सफर तय करने जा रही है। बुलंद इरादे और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने के लिए रविवार को श्रद्धा कानपुर के मैस्करघाट से गंगा में उतरी। 570 किलोमीटर का शुरू किया सफर…
– श्रद्धा ने इलाहबाद तक जाने के लिए तैराकी को 4 पार्ट में डि‍वाइड किया है। वह हर रोज 100 किलोमीटर तैरेगी।
– तैराकी के दौरान वह 4 स्‍थानों पर रात में रुकेगी। पहला पड़ाव चण्डिका देवी बक्सर उन्नाव, दूसरा पड़ाव फतेहपुर, तीसरा पड़ाव कौशाम्बी, उसके बाद चौथा और आखरी पड़ाव इलाहबाद होगा।
– कानपुर से बनाएस तक तैराकी के इस सफर श्रद्धा के साथ उसकी सुरक्षा के लिए दस गोताखोरों का दस्ता भी गंगा में मौजूद रहेंगे।
– ये गोताखोर 5-5 के ग्रुप में उसके साथ तैरेंगे।
– इमरजेंसी में निपटने के लिए 4 नावें गंगा में हर वक्‍त तैयार रहेंगी, जिस पर नाविक भी साथ में मौजूद होंगे। इसके अलावा डॉक्‍टरों की एक टीम भी नाव में साथ होगी।
ढाई साल की उम्र में सीखी तैराकी
– श्रद्धा के पिता ललित कुमार शुक्ला ने बताया कि श्रद्धा का तैराकी से नाता ढाई साल की उम्र से है। श्रद्धा के बाबा मुन्नू लाल शुक्ला गंगा नहाने के दौरान श्रद्धा को भी अपने साथ ले जाने लगे थे।
– अपने बाबा के साथ गंगा में स्नान करते करते श्रद्धा की दिलचस्पी धीरे धीरे तैरने में होने लगी, और कुछ ही महीने में श्रद्धा तैरना सीख गई। और चार साल की उम्र तक पहुचते पहुंचते श्रद्धा एक कुशल तैराक बन गई।
– तैराकी को अपना जूनून बनाते हुए श्रद्धा साढ़े पांच साल की उम्र में शुक्लागंज पुल से सिधनाथ घाट तक तैर चुकी है।
– साल 2014 में श्रद्धा ने सावन के महीने खतरे के निशान को छू रही गंगा में 16 किलोमीटर की दूरी सरसैया घाट से सिधनाथ घाट तक तैराकी 72 मिनट में तय किया था ।
– इसके बाद श्रद्धा ने कानपुर से इलाहाबाद तक 270 किलोमीटर तक तैर कर गई थी।
– इसके बाद श्रद्धा ने तैराकी में कई रिकार्ड बनाये, मगर अब वो चाहती है कि उनका नाम गिनीज बुक अफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज होने के साथ ओलम्पिक में मेडल जीतने का सपना है।

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