स्पेस में 1 दशक पुराने सैटेलाइट को कक्षा से निकाल कर किया क्रैश( crashed )

इसरो: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को अपने मिशन के अंत के बाद एक उपग्रह को सफलतापूर्वक ( crashed ) डी-ऑर्बिट कर दिया है. दरअसल, मेघा ट्रॉफिक्स -1 को उसके कक्षा से बाहर लाया और फिर उसे प्रशांत महासागर के ऊपर आकाश में उसे टुकड़े-टुकड़े कर उसे जला दिया गया. इसरो ने इस घटना के बाद ट्वीट करके बताया, ‘सेवामुक्त किये गए मेघा-ट्रॉपिक्स-1 (MT-1) को 7 मार्च, 2023 को सफलतापूर्वक उसके कक्षा से बाहर निकाला गया.’
मेघा-ट्रॉपिक्स-1 को उष्णकटिबंधीय मौसम और जलवायु अध्ययन के लिए इसरो और फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा विकसित एक संयुक्त मिशन के रूप में 12 अक्टूबर, 2011 को लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में लॉन्च किया गया था. हालांकि, उसे तीन साल में ही सेवामुक्त का प्लान था, लेकिन उसके सटीक डेटा देने की वजह से उसके सर्विस को बढ़ा दिया गया और वह एक दशक तक जलवायु के बारे में महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करता रहा. इसरो ने संयुक्त राष्ट्र अंतर-एजेंसी अंतरिक्ष मलबे समन्वय समिति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए मिशन के बाद इसे क्रैश कर दिया.
संयुक्त राष्ट्र के गाइडलाइन्स के अनुसार, उपग्रह के जीवन समाप्त होने के बाद उसे नियंत्रित पुन: प्रवेश के माध्यम से कक्षा से हटा देना चाहिए या फिर उसे उस कक्षा में लाना होता है जहां, उपग्रह का कक्षीय जीवन काल 25 वर्ष से कम होता है. इसरो ने बताया कि मेघा-ट्रॉपिक्स-1 में अभी भी लगभग 125 किलोग्राम ऑनबोर्ड ईंधन था, जो पूरी तरह से वायुमंडल में नियंत्रित पुन: प्रवेश प्राप्त करने के लिए पर्याप्त था.