अंतराष्ट्रीय

हॉन्गकॉन्ग ने दी कोवैक्सीन को मंजूरी

हॉन्गकॉन्ग. भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद के बीच दो देशों ने तगड़ा झटका देते हुए मेड इ अप्रूवल मिलने के बाद अब मेड इन इंडिया वैक्सीन- कोवैक्सीन को दुनिया के अलग-अलग देश मान्यता दे रहे हैं. इसी क्रम में कई विकसित देशों के बाद अब हॉन्गकॉन्ग ने भी मान्यता दे दी है.हॉन्गकॉन्ग सरकार के सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि भारत बायोटेक निर्मित कोवैक्सिन अब हॉन्गकन्ग में मान्यता प्राप्तकोविड-19 टीकों की सूची में है. अब तक 96 देशों ने कोवैक्सिन और कोविशील्ड को मान्यता दी है. इन दोनों कोविड-19 टीकों को विश्व स्वास्थ्य संगठन की आपातकालीन उपयोग सूची में है. इससे पहले वियतनाम ने भी कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है. हॉन्गकॉन्ग में रूस निर्मित स्पूतनिक V, भारत में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा परीक्षित कोविशील्ड, चीन द्वारा निर्मित सिनोफार्म को भी मान्यता दी है.

गौरतलब है कि ब्रिटेन सरकार ने कहा कि भारत के कोवैक्सीन टीके को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए स्वीकृत कोविड-19 रोधी टीकों की सूची में 22 नवंबर को शामिल किया जाएगा. इसका मतलब यह हुआ कि जिन लोगों ने भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन की दोनों खुराक ली हैं, उन्हें ब्रिटेन आने के बाद आइसोलेशन में नहीं रहना होगा

डब्ल्यूएचओ , कोवैक्सीन को आपात स्थिति में इस्तेमाल के लिए स्वीकृत टीकों की सूची (ईयूएल) में पहले ही शामिल कर चुका है, जिसके बाद ब्रिटेन ने यह कदम उठाया है. भारत में निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 रोधी टीके कोविशील्ड को ब्रिटेन में स्वीकृत टीकों की सूची में पिछले महीने शामिल किया गया था.

भारत के लिए ब्रितानी उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘ब्रिटेन आने वाले भारतीय यात्रियों के लिए अच्छी खबर है. कोवैक्सीन समेत डब्ल्यूएचओ की आपात सूची में शामिल कोविड-19 रोधी टीके लगवा चुके यात्रियों को 22 नंवबर से आइसोलेशन में नहीं रहना होगा.’ यह फैसला 22 नवंबर तड़के चार बजे से लागू होगा. कोवैक्सीन के अलावा डब्ल्यूएचओ के ईयूएल में शामिल चीन के ‘सिनोवैक’ और ‘सिनोफार्म’ टीकों को भी ब्रिटेन सरकार के मान्यता प्राप्त टीकों की सूची में शामिल किया जाएगा.

 

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button