हिमाचल से लद्दाख तक में कुदरत ने बरपाया कहर
नई दिल्ली:हिमाचल प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में बारिश के कारण आई बाढ़ से बुधवार को 16 लोगों की मौत हो । जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के एक सुदूर गांव में बुधवार तड़के 4:30 बजे बादल फटने से सात लोगों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हुए हैं। हिमाचल प्रदेश में अचानक आई बाढ़ में नौ लोगों की मौत हो गई, दो घायल हो गए और सात लापता हो गए। केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में कारगिल के विभिन्न क्षेत्रों में दो बादल फटने से एक लघु पनबिजली परियोजना, लगभग 12 मकान और खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है। राहत और बचाव कार्यों में सेना के साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम जुटी हुई है।
हिमाचल प्रदेश के राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने कहा कि लाहौल-स्पीति में उदयपुर के तोजिंग नाले में आई बाढ़ में सात लोगों की मौत हो गई, दो घायल हो गए और तीन अभी भी लापता हैं, जबकि चंबा में दो लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि कुल्लू जिले में एक महिला, उसके बेटे, एक जलविद्युत परियोजना अधिकारी और दिल्ली के एक पर्यटक सहित चार लोगों के मारे जाने की आशंका है। मोख्ता ने बताया कि लाहौल के उदयपुर में मंगलवार रात करीब आठ बजे बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ में मजदूरों के दो तम्बू और एक निजी जेसीबी मशीन बह गई। उदयपुर के तोजिंग नाले में अचानक आई बाढ़ में 12 मजदूर बह गए। इनमें से सात शव बरामद हुए, दो को बचाया गया और तीन अभी भी लापता हैं। लाहौल-स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार ने बताया कि भूस्खलनों के मलबे में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम लगी हुई है। मोख्ता ने कहा कि लाहौल-स्पीति में कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं जबकि लगभग 60 वाहन फंसे हैं। प्रदेश में मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
जम्मू के किश्तवाड़ में नाले के किनारे स्थित 19 घर, 21 गौशाला और राशन डिपो के अलावा एक पुल भी बादल फटने से क्षतिग्रस्त हो गया। अधिकारियों ने बताया कि दच्चन तहसील के होन्जर गांव में बादल फटने की जगह से लापता 14 से अधिक लोगों का पता लगाने के लिए पुलिस, सेना और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) द्वारा तलाशी एवं बचाव अभियान जारी है। बादल फटने से प्रभावित गांव (किश्तवाड़) से सात शव बरामद किए गए, जबकि 17 अन्य को बचा लिया गया। जान गंवाने वालों में दो महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि 14 लापता लोगों का पता लगाया जा रहा है। बचाए गए पांच लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। किश्तवाड़ के जिला विकास आयुक्त ने कहा कि दूर-दराज के लैम्बार्ड इलाके में भी दो बादल फटे लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। लगातार बारिश को देखते हुए पद्दार इलाके से 60 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल आदि ने हादसे पर दुख जताया है। किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से हुई जनहानि पर शोक व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि उन्हें कई लोगों की मौत से गहरा दुख हुआ है। वहीं, दुख जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किश्तवाड़ जिले में बादल फटने की घटना से उत्पन्न स्थिति पर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं और प्रभावित क्षेत्रों में हरसंभव मदद पहुंचाई जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और डीजीपी दिलबाग सिंह से बात की और बादल फटने से पैदा हुए हालात का जायजा लिया। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ट्वीट किया, बादल फटने की घटना में लोगों की जान जाने से बेहद दुखी हूं। शोक संतप्त परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। सेना और एसडीआरएफ बचाव कार्य में जुटे हैं। लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं। मैं लगातार स्थिति पर नजर बनाए हूं।