अंतराष्ट्रीय

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तनाव पैदा नहीं होना चाहिए::चीन की चेतावनी

 

वेलिंगटन. चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बृहस्पतिवार को आगाह किया कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शीत युद्ध के दौर जैसी तनाव की स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए. चीन के राष्ट्रपति ने एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग मंच (एपेक) के वार्षिक सम्मेलन से इतर यह बात कही. उनका यह बयान क्षेत्र में अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया का एक नया सुरक्षा गठबंधन बनने के कई हफ्तों के बाद आया है. इस गठबंधन में ऑस्ट्रेलिया परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण करेगा. चीन ने इस पूरे घटनाक्रम की कड़ी आलोचना की थी.

शी ने न्यूजीलैंड की मेजबानी में डिजिटल माध्यम से आयोजित सम्मेलन में, पहले से रिकॉर्ड किए गए अपने वीडियो में कहा कि इस क्षेत्र में वैचारिक या भू-राजनीतिक आधार पर सीमाएं खींचने का प्रयास विफल हो जाएगा. उन्होंने कहा, ‘हिंद-प्रशांत में शीत युद्ध के दौर जैसी तनाव की स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए.’ शी ने यह भी कहा कि क्षेत्र को आपूर्ति लाइनों को चालू रखना चाहिए और व्यापार तथा निवेश को उदार बनाना जारी रखना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘चीन आर्थिक विकास को गति देने के लिए सुधार और खुलेपन को आगे बढ़ाने में दृढ़ रहेगा.’
बता दें कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में क्‍वाड की तर्ज पर अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने एक नए गठबंधन की घोषणा की है. नए गठबंधन का नाम एयूकेयूएस होगा. नए गठबंधन का मकसद चीन को साधने के लिए माना जा रहा है. इस गठबंधन ने अपने पहले कदम की घोषणा करते हुए कहा है कि ऑस्ट्रेलिया को न्यूक्लियर सबमरीन के विकास में मदद की जाएगी.

नए गठबंधन के माध्यम से तीनों देश हिंद प्रशांत क्षेत्र में अपने रक्षा हितों का ध्यान रखेंगे. इसके अलावा सूचना और तकनीक को भी साझा किया जाएगा. क्‍वाड की बैठक से पहले नए गठबंधन की घोषणा की गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की तरफ से संयुक्त बयान में नए गठबंधन की घोषणा की गई है. एयूकेयूएस के गठन के पीछे हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थायित्व बताया गया है.

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