हिंदूवादी नेता, पत्रकार, लेखक, पुलिस अधिकारी थे निशाना, आतंकी सबील का सनसनीखेज कबूलनामा

नई दिल्ली. लंदन के ग्लासगो एयरपोर्ट के हमले के मास्टरमाइंड आतंकी डॉक्टर सबील अहमद ने अपने कबूलनामे में कहा कि उसके निशाने पर हिंदूवादी नेता, पत्रकार, लेखक, पुलिस अधिकारी, आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के नेता थे. इसके अलावा डॉक्टर सबील ने ग्लासगो एयरपोर्ट की पूरी घटना बयां की है. आपको बता दें कि डॉक्टर सबील अहमद अल कायदा का आतंकी है और फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल के अति सुरक्षित सेल में बंद है. एनआईए ने भारत में सबसे पहले अगस्त 2020 में डॉक्टर सबील अहमद को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था. एनआईए की तफ्तीश के बाद स्पेशल सेल ने भी अल कायदा के केस में उस पर शिकंजा कसा है. अगले कुछ दिनों में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में स्पेशल सेल इस मामले में एक अहम चार्जशीट दाखिल करेगा, जिसमें अल कायदा कनेक्शन का खुलासा किया जाएगा.
चार्जशीट के मुताबिक, देश का सबसे अमीर आतंकी सबील अहमद है. उसने अपनी पुश्तैनी करोडों की प्रॉपर्टी का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए फंडिंग, आतंकी रिक्रूटमेंट और हथियारों की खरीद-फरोख्त में इस्तेमाल किया था, ताकि भारत में तबाही मचाई जा सके. डॉक्टर सबील अहमद शायद भारत का इकलौता सबसे ज्यादा एजुकेटेड आतंकी होगा, जिसका लगभग पूरा खानदान ही डॉक्टरी के पेशे में ह
आपको याद दिला दें कि साल 2015 में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने अल कायदा के पैन इंडिया मॉड्यूल का खुलासा किया था, जिसमें दिल्ली, यूपी, सम्भल, हरियाणा, ओडिश, बंगलुरु से अल कायदा के 6 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था. इन आतंकियों की पूछताछ में एक नाम सामने आया था डॉक्टर सबील अहमद का है
डॉक्टर सबील अहदम से पूछताछ के आधार पर आज भी दिल्ली पुलिस, एनआईए और देश की कई एजेंसियां कुछ आतंकियों की तलाश में जुटी हैं. इन आतंकियों में प्रमुख नाम हैं यूपी संभल के रहनेवाले सैदय अख्तर, मोहम्मद शर्जील अख्तर, दिल्ली के रहनेवाले रेहान, झारखंड के रहनेवाले अबु सुफियान और अरसियान हैदर.
डॉक्टर सबील अहमद का जन्म 21 अप्रैल 1981 को कर्नाटक में हुआ था. सबील ने अपनी शुरुआती पढ़ाई इंडियन एंबेसी स्कूल दमन सऊदी, इंडियन एंबेसी स्कूल जुबली किंगडम सऊदी, अरब ऑक्सफोर्ड सीनियर सेकेंडरी स्कूल जेपी नगर बंगलुरु से कर रखी है. इसके बाद सबील अहमद ने एमबीबीएस का कोर्स डॉक्टर बीआर अंबेडकर मेडिकल कॉलेज बंगलुरु से की. साल 2005 में वहां से पास होने के बाद सबील अब एक प्रफेशनल डॉक्टर बनने के लिए तैयार हो गया था. बता दें कि सबील अहमद कन्नड़, हिंदी, उर्दू और अरेबिक भाषा का अच्छा खासा ज्ञान रखता है. डॉक्टर समीर अहमद ने बताया कि उसका परिवार अल हदीस मुस्लिम रीति रिवाज फॉलो करता है और वह भी इन्हीं नक्शेकदम पर चल रहा था.
सबील के मुताबिक, जिस वक्त वह इंग्लैंड में था, वह लगातार अपने बड़े भाई कफील अहमद के संपर्क में था और उस दौरान कफील मुझसे लगातार विश्व में मुसलमानों की बदतर हालत का हवाला देकर जिहाद करने की बात करता था. कुछ वक्त बाद मई 2007 में मेरा बड़ा भाई कफील अहमद मेरे पास इंग्लैंड आया. उसने मुझे बोला कि जेहाद के लिए कुछ बड़ा करना है और उसके लिए हमें मिलकर प्लानिंग करनी है सबील ने खुलासा किया कि उसका भाई सुसाइड अटैक लंदन में करने का प्लान बना रहा था, जिसके लिए मैंने अपने भाई को मना भी किया पर कफील न माना और फिर इंग्लैंड से चला गया और हमारे बीच मेसेज के जरिये बात होने लगी. सबील ने खुलासा किया कि उसने अपने भाई से जेहाद को लेकर हरसम्भव मदद का भरोसा दिया था. उधर कफील इस दौरान आईसलैंड चला गया और यहां से वो सबील से ईमेल चैट्स और अन्य संचार माध्यम से बात करता रहा और जेहाद की प्लानिंग की. ग्लास्गो सुसाइड अटैक से एक वीक पहले कफील ने सबील को बताया कि सब तैयारी हो गई है अटैक की और बाकी प्लानिंग के बारे में जल्द बताया जाएगा.
30 जून 2007 ग्लास्गो बम ब्लास्ट के ठीक पहले मेरे भाई कफील ने एक मेसेज मुझे किया था, जिसमें एक ईमेल का पासवर्ड था. मैंने वो मेसेज पड़ा जो मिशन जेहाद के बारे में था. मेल भेजने वाले दिन ही ग्लास्गो एयरपोर्ट पर सुसाइड अटैक किया गया. इस अटैक में कफील अहमद बुरी तरह घायल हुआ था, जिसे तुरन्त अस्पताल में भर्ती कराया गया. 1 महीने बाद उसकी मौत हो गई. मुझे उसी दिन यूके पुलिस ने हिरासत में ले लिया और 10 महीने के लिए जेल में बंद कर दिया. कोर्ट ने मुझे ब्लास्ट की जानकारी छुपाने के आरोप में सजा भी सुनाई. जिसके बाद मई 2008 में यूके से मुझे भारत डिपोर्ट किया गया.