हाईकोर्ट ने जारी किया नई गाइड लाइन ,प्रदेश के सभी जिला एवम सत्र न्यायलय हो ऑनलाइन
प्रयागराज :इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए प्रदेश के जिला न्यायालयों, अधिकरणों और अधीनस्थ कार्यरत सभी न्यायालयों के लिए नई गाइड लाइन जारी की है। रजिस्ट्रार जनरल आशीष गर्ग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार नई गाइडलाइन के तहत मुकदमों के निस्तारण के लिए ऑनलाइन मोड से न्यायिक कार्य करने पर बल दिया गया है।
ट्रायल वाले मुकदमों में साक्ष्य के अलावा अन्य सभी न्यायिक व प्रशासनिक कार्य पहले की तरह ही करने को कहा गया है। विचाराधीन बंदियों के रिमांड और उनसे संबंधित अन्य न्यायिक कार्य जिस्टी मीट सॉफ्टवेयर से ऑनलाइन करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा प्रत्येक जिला न्यायालय में कम से कम एक या दो अदालतें जिस्टी मीट सॉफ्टवेयर से ही चलाने का निर्देश दिया गया है।
हाईकोर्ट ने अधिकतम काम ऑनलाइन मोड में करने की संभावना विकसित करने का निर्देश भी दिया है। अधिसूचना के मुताबिक ट्रायल के मुकदमों में जिला जज उचित समझें तो साक्ष्य लेने की अनुमति दे सकते हैं। ऐसी अनुमति प्रत्येक केस की प्रकृति को देखते हुए ही दी जा सकेगी। इसके अलावा गाइडलाइन में पीठासीन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि न्याय कक्ष में एक समय में सीमित संख्या में ही लोगों को प्रवेश की अनुमति दें। इस दौरान शारीरिक दूरी के नियमों का पालन किया जाए। पीठासीन अधिकारी किसी पक्ष को केवल बीमारी के अलावा प्रवेश से नहीं रोकेंगे लेकिन उन्हें यह अधिकार होगा कि वह किसी व्यक्ति को प्रवेश से रोक सकें खासकर जहां सिर्फ वकीलों को बहस करना है।
हाईकोर्ट ने जिला जजों को बार एसोसिएशन से वार्ता कर न्यायिक प्रक्रिया के संचालन की व्यवस्था निर्धारित करने का निर्देश भी दिया है। यदि जिला जज या सीएमओ की सलाह है कि न्यायालय परिसर बंद किया जाना चाहिए तो जिला जज हाईकोर्ट को सूचना देते हुए ऐसा आदेश कर सकेंगे।
प्रत्येक जिला न्यायालय को वकीलों, वादकारियों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करने का निर्देश भी दिया गया है। अधीनस्थ अदालत के न्यायाधीशों व वकीलों ड्रेस कोड से छूट प्रदान की गई है। न्यायधीशों को भी कोट और गाइन पहनने से छूट दी गई है। सभी जिला न्यायालयों को प्रतिदिन निस्तारित होने वाले मुकदमों की जानकारी हाईकोर्ट को ई सर्विस से भेजनी होगी।