बिहार

हवाई क्रांति का बिहार में ब्लू-प्रिंट तैयार

दिल्ली. बिहार के लोगों के लिए हवाई जहाज में सफर करना एक सपना हुआ करता था. लेकिन ये अब बीते दिनों की बात हो गई है. आज बिहार के कई बड़े शहरों से हवाई सेवा चल रही है. अब बिहार में जल्द ही हवाई क्रांति होने जा रही है. ये वो खबर है जिसका बिहार के लोग दशकों से इंतजार कर रहे हैं. केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत बिहार एविएशन के क्षेत्र में तरक्की कर रहा है. लेकिन अभी भी कई शहरों में हवाई कनेक्टिविटी नहीं है. इसके लिए केंद्र सरकार ने नई योजना बनाई है. बिहार में हवाई सेवाओं के विस्तार के लिए नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. पत्र में राज्य में एविएशन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की बात कही गई है.

केंद्र सरकार की योजना बिहार में हवाई क्रांति लाने की है. इसके लिए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखकर उनसे व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने की अपील की है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने राज्य सरकार से जमीन आवंटन और ढांचागत विकास के लिए जरूरी फंड जमा करने की बात कही है. साथ ही सीएम नीतीश कुमार से अपील की है कि वो इसके लिए अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दें.
5 एयरपोर्ट को डेवलप करने की योजना

इस पत्र में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बिहार में एविएशन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की बात कही है. पत्र के अनुसार बिहार में पटना एयरपोर्ट, रक्सौल, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर और दरभंगा एयरपोर्ट को डेवलप करने का जिक्र है. इन पांचों एयरपोर्ट के विस्तार के लिए अगले 4-5 सालों में लगभग 20 हजार करोड़ खर्च करने की योजना है. एविएशन एक्सपर्ट इसे बिहार सरकार के लिए एक बड़ा मौका मान रहे हैं.

इन 5 एयरपोर्ट्स के विकास के लिए कई तकनीकी जरूरतें हैं. नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीएम नीतीश कुमार को लिखे पत्र में इनका विस्तार से जिक्र किया है. पटना एयरपोर्ट पर रनवे एक्सटेंशन के लिए 49.5 एकड़ जमीन की बात कही गई है. पटना एयरपोर्ट पर टैक्सी ट्रैक, आइसोलेशन बे, ग्लाइड पाथ और DVOR उपकरण समेत कई योजनाओं का प्रस्ताव दिया गया है. रक्सौल एयरपोर्ट के विकास के लिए 121 एकड़ जमीन की ज़रूरत बताई गई है. रक्सौल में ATR-72 टाइप के विमानों के लिए हवाई अड्डे को विकसित किए जाने की योजना है. पूर्णिया एयरपोर्ट के विकास के लिए 50 एकड़ ज़मीन की आवश्यकता है. योजना के तहत पूर्णिया एयरपोर्ट पर न्यू सिविल एन्क्लेव विकसित किया जाएगा. मुजफ्फरपुर एयरपोर्ट पर 475 एकड़ जमीन की जरूरत है. योजना के तहत मुजफ्फरपुर एयरपोर्ट को A-320 एयरक्राफ्ट के लिए विकसित किया जाएगा. दरभंगा में 78 एकड़ जमीन की जरूरत है जिसका इस्तेमाल सिविल एन्क्लेव और CAT-1 अप्रोच लाइट सिस्टम के लिए किया जाएगा.
पटना और गया से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान

इसमें कोई शक नहीं कि बिहार जैसे राज्य के लिए एक बड़ा मौका है. केंद्र सरकार के रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत बिहार के कोने-कोने को एविएशन मैप पर लाने की प्लानिंग है. यही नहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बिहार सरकार से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की संभावना पर भी विचार करने के लिए कहा है. मंत्रालय ने राज्य सरकार से पटना और गया से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान शुरू करने के लिए विचार करने का अनुरोध किया है. इसके तहत गया से बैंकॉक, काठमांडू, और यंगून के लिए उड़ान की योजना है. इसके अलावा पटना से काठमांडू और दुबई के लिए उड़ान की योजना भी है. केंद्र सरकार की नई योजना से उम्मीद है बिहार के एविएशन सेक्टर का कायापलट होगा और बिहारवासियों को अंतर्राष्ट्रीय सुविधाएं मिलेंगी.

पटना के जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अपग्रेड करने का काम चल रहा है. साल 2023 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य है. लेकिन रनवे यहां एक बड़ी समस्या रही है. भविष्य की जरूरतों को देखते हुए केंद्रीय नागरिक उड्ड्यन मंत्रालय ने बिहार सरकार से रनवे एक्सटेंशन के लिए 49.5 एकड़ जमीन की मांग की है. साथ ही टैक्सी ट्रैक, आइसोलेशन बे, ग्लाइड पाथ और DVOR उपकरण समेत कई योजनाओं का प्रस्ताव भी दिया गया है.
सुरक्षा के लिए अहम है रक्सौल एयरपोर्ट

भारत-नेपाल सीमा के पास रक्सौल शहर से तीन किलोमीटर दूर पनटोका में बना हवाई अड्डा 1960 में बना था. निर्माण के समय दमदम एयरपोर्ट के बाद ये देश का दूसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट था. 1962 के भारत-चीन युद्ध में इसका इस्तेमाल भी हुआ. बाद में 1968 में एयर सर्विस की शुरुआत भी की गई. लेकिन 1970 में घाटे और यात्रियों की कमी के वजह से इस सेवा को बंद कर दिया गया. उसके बाद से ये वीरान पड़ा है. खास कर सुरक्षा के नजरिए से भी ये एयरपोर्ट अहम है.

दरभंगा में NH57 के बगल में रानीपुर बेला में एयरपोर्ट के विकास की योजना है. नए सिविल एनक्लेव और रनवे विस्तार को लेकर कुल 78 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. 54 एकड़ जमीन में स्थाई टर्मिनल भवन और बाकी 24 एकड़ जमीन में रनवे का विस्तार होगा. इससे पहले इस एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर 31 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार की ने 121 करोड़ की राशि आवंटित की है. जिला प्रशासन ने यहां बननेवाले नए स्थाई टर्मिनल भवन और रनवे विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण से संबंधित तमाम कागजी काम पूरे कर लिए हैं.

1952 में पूर्णिया से नागरिक विमान सेवा की शुरुआत हुई थी. 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उड़ान योजना के तहत बिहार पैकेज में पूर्णिया से हवाई सेवा शुरु करने की घोषणा की थी. जमीन अधिग्रहण के लिए राशि भी आवंटित कर दी गयी लेकिन अभी तक जमीन आवंटन का मामला हाईकोर्ट में लटका है. लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की पहल से पूर्णिया के लोगों में उम्मीद जगी है. 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुजफ्फरपुर में पताही हवाई अड्डा से लोगों को हवाई सेवा शुरू करने का वादा किया था. इस योजना से स्थानीय लोगों की उम्मीदें परवान चढ़ने लगी है.

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