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हर 7वें दिन भर्ती हो रहा यौन शोषण का शिकार मासूम

हाल के दिनों में मासूमों के साथ यौन शोषण की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। केजीएमयू में हर सातवें दिन दुष्कर्म पीड़ित एक बच्चा भर्ती हो रहा है। कई बच्चों का सरकारी अस्पताल में भी इलाज होता है। पीड़ितों में लड़कियों का प्रतिशत ज्यादा है, लेकिन लड़के भी इसका शिकार हो रहे हैं। लखनऊ के आसपास के साथ यूपी के हर हिस्से से ये बच्चे केजीएमयू भेजे जा रहे हैं। ये आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं। मनोवैज्ञानिकों व चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार इसके पीछे अलग-अलग वजह हैं। मोबाइल फोन के माध्यम से पोर्नोग्राफी की हर किसी तक पहुंच इसमें बड़ी भूमिका निभा रही है। इसके अलावा मानसिक बीमारी और अवसाद से भी ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मानिनी श्रीवास्तव के अनुसार महिलाओं से दुष्कर्म की घटनाओं में पुरुषों की ओर से उन पर संप्रभुता साबित करना सबसे बड़ी वजह होती है। इसके अलावा प्रतिशोध व अन्य कारण भी इसके पीछे होते हैं।

बच्चे होते हैं आसान शिकार – बच्चों के मामले में स्थिति इससे काफी अलग होती है। उनके साथ दुष्कर्म व कुकर्म की घटनाओं में सबसे बड़ी वजह पोर्नोग्राफी है। बच्चे इसका इस्तेमाल करने वालों के लिए आसान शिकार होते हैं। छोटे बच्चे इसके बारे में किसी को बता भी नहीं पाते हैं। इस कारण भी ऐसी प्रवृत्ति के लोग इन घटनाओं को अंजाम देते हैं। अध्ययन में यह भी पाया गया कि जो बच्चे भावनात्मक या शारीरिक रूप से प्रताड़ना के शिकार होते हैं, वे भी इस तरह की घटना को अंजाम देकर खुद को शक्तिशाली महसूस करते हैं। वहीं, मानसिक रूप से बीमार लोग भी मासूमों से दुष्कर्म जैसा घिनौना काम करते हैं।

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