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हरक सिंह रावत ने थामा कांग्रेस का हाथ

देहरादून। पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अपनी बहू अनुकृति के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इस दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत मौजूद रहे। हरक सिंह पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगने के बाद भाजपा से निष्कासित किया गया था।

हरक को विगत रविवार को भाजपा से निकाला गया था। सूत्रों से खबर है कि एक टिकट की शर्त पर हरक की कांग्रेस में वापसी हुई है। पार्टी से या तो हरक रावत को या फिर उनकी बहू को टिकट मिल सकता है। सोनिया व राहुल गांधी की हरी झंडी के बाद हरक सिंह को पार्टी में शामिल करने का अंतिम फैसला किया गया।

पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए भाजपा से किए गए थे निष्कासित

हरक की वापसी में प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह व प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव लंबे समय से जुटे हुए थे। लेकिन पूर्व सीएम हरीश रावत ने 2016 के प्रकरण को देखते हुए उनकी वापसी को रोके रखा। वहीं हरक के कांग्रेस में शामिल होने पर कांग्रेस भवन देहरादून में खूब आतिशबाजी और नारेबाजी हुई। हरक रावत ने एक बार फिर कांग्रेस में वापसी कर ली है।

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गौरतलब है कि रविवार को बीजेपी ने हरक सिंह के बगावती तेवरों के चलते पार्टी से निष्कासित कर दिया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रावत को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था। इससे पहले भाजपा की उत्तराखंड इकाई की कोर ग्रुप बैठक के दौरान हरक शामिल नहीं हुए थे। वहीं हरक रावत भाजपा से निष्कासित होने के बाद काफी भावुक नजर आए थे।

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उन्होंने आरोप लगाया की बीजेपी ने उनके साथ धोखा किया है। हरक ने यह भी कहा कि 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे। जिसमें भाजपा सत्ता से बाहर होगी और कांग्रेस 40 सीटों के साथ सरकार बनाएगी।

वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि हरक परिवार के सदस्यों को टिकट देने का दबाव बना रहे थे। भाजपा में हरक आए उन्होंने विकास के मामले में जो कहा हमने किया, लेकिन हमारी पार्टी वंशवाद से दूर और विकास के साथ है।

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