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हत्या की दोषी नलिनी को किस आधार पर मिली पैरोल?

चेन्नई: तमिलनाडु सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा पाए सात दोषियों में से एक नलिनी हरिहरनको पैरोल दे दी है. राज्य सरकार के वकील हसन मोहम्मद ने गुरुवार को जस्टिस पीएन प्रकाश और जस्टिस आर हेमलता की मद्रास हाई कोर्ट की बेंच को ये जानकारी नलिनी की मां एस पद्मा की हेबियस कॉर्पस याचिका की सुनवाई के दौरान दी. बेंच ने इस बयान को रिकॉर्ड करने के बाद याचिका पर सुनवाई बंद कर दी है.

अपनी याचिका में एस पद्मा ने कहा था कि उसे कई बीमारियां हैं और वो चाहती है कि उसकी बेटी उसके पास रहे. उसने कहा कि इस संबंध में उसने पैरोल के लिए एक महीने तक राज्य सरकार को कई आवेदन दिए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. नलिनी हरिहरन की 1 महीने की पैरोल 25 या 26 दिसंबर से शुरू हो सकती है.

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की चेन्नई के पास श्रीपेरूम्बुदूर में 21 मई, 1991 को लिट्टे की आत्मघाती बम हमलावर ने हत्या कर दी थी. इस मामले में सात लोग मुरूगन, संथान, पेरारिवलन, जयकुमार, राबर्ट पायस, रविचंद्रन और नलिनी उम्रकैद की सजा काट रहे हैं.

गौरतलब है कि नलिनी हरिहरन की एक और याचिका पर कोर्ट में सुनवाई होनी बाकी है. उसने खुद को वेल्लोर सेंट्रल जेल से रिहा करने की मांग की है. नलिनी हरिहरन पिछले करीब 3 दशक से जेल में बंद है. साल 1998 में एक ट्रायल कोर्ट ने नलिनी हरिहरन को मौत की सुनाई थी. इसके बाद साल 2000 में नलिनी हरिहरन की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया था

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों को रिहा करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख चके हैं. उन्होंने सातों दोषियों को रिहा करने की मांग की.

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