सोने की तस्करी के लिए किया अनोखी ट्रिक का इस्तेमाल
नई दिल्ली: डीआरआई ने चार विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर 83 किलो सोना बरामद किया है, जिसकी कीमत 42 करोड़ है. ये सोना हांग कांग से तस्करी कर भारत में मंगाया गया था. गिरफ्तार आरोपी चीन, ताइवान और साउथ कोरिया के हैं.
सूत्रों के मुताबिक डीआरआई को इस बात की जानकारी मिली थी कि एयर कार्गों के जरिये कुछ लोग भारत में सोना तस्करी कर रहे है. यह गोल्ड मशीनों के पार्ट के तौर पर मंगाया जा रहा है, जिसे बाद में सिलेंडर या फिर बार के शेप में मेल्ट करके बेच दिया जा रहा है.
इस बात की जानकारी मिलने के बाद डीआरआई ने दिल्ली एयरपोर्ट पर मशीनों के पार्टस के तौर पर आने वाले सामानों पर निगरानी रखना शुरू कर दिया. जांच में एक सामान को खोला गया और जांच की गई तो ट्रांसफार्मर के अंदर लगी इलेक्ट्रोप्लेटिंग मशीन सोने की निकली. जो ईआई-लैमिनेट्स ट्रांसफार्मर में लगी हुई थी, वे सोने की बनी थीं. जिन्हें निकल पेंट करके छिपा दिया गया था. जब्त की हुई 80 इलैक्ट्रोप्लाटिंग मशीन में से 1-1 किलो सोना बरामद किया गया.
जैसे ही डीआरआई का शक यकीन में बदला उसके बाद आगे की कारवाई करते हुए दिल्ली में एक ज्वैलर के यहां छापेमारी कर 5.409 किलो सोना बरामद कर लिया गया. उसके बाद आरोपियों की निशानदेही पर दिल्ली के छतरपुर और गुरूग्राम के पॉश इलाकों में छापेमारी कर 4 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया. जिसमें से 2 साउथ कोरिया, एक चीन और एक ताइवान का नागरिक था.
चारों गिरफ्तार आरोपियों में से 2 लोग पहले भी सोने की तस्करी के आरोप में जेल में जा चुके हैं. वहीं पर उनकी दोस्ती हुई और उसके बाद उन्होंने बाकी लोगों को अपने साथ जोड़कर आगे सोने की तस्करी करने का प्लान बनाया गया.
जांच में पता चला कि ये चारों मशीनों के पार्टस के रूप में हांगकांग से तस्करी कर सोना मंगाते थे. इसके बाद काफी जटिल प्रकिया का इस्तेमाल कर गोल्ड को बार या सिलेंडर में बदल कर बेच दिया जाता था. किसी को उन पर शक ना हो, इसलिए वे लोग दिल्ली के छतरपुर और गुरूग्राम की पॉश सोसायटी रहा करते थे. वे इतने गुपचुप तरीके से काम करते थे कि पड़ोसियों को भी उन पर शक नहीं होता था.