अंतराष्ट्रीय

 सुरक्षा परिषद की बैठक में अमेरिका ने दी रूस को धमकी

संयुक्त राष्ट्र. भारत ने यूक्रेन मुद्दे पर चर्चा के लिए सोमवार को हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि वह तनाव को तुरंत कम करने के उपाय खोजने में लगा है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने ‘अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा (यूक्रेन)’ मुद्दे पर कहा, “भारत की दिलचस्पी एक ऐसा समाधान खोजने में है जो तनाव को तत्काल कम करने में मदद कर सके. हम सभी संबंधित पक्षों के संपर्क में भी हैं.”

भारत ने आगे कहा, “हम इस मामले से जुड़े सभी संबंधित पक्षों से हर तरह के राजनयिक चैनलों के माध्यम से जुड़ना जारी रखने और ‘मिन्स्क पैकेज’ के पूर्ण कार्यान्वयन की दिशा में काम करते रहने का आग्रह करते हैं.” टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, “यूक्रेन तनाव को कम करने के लिए मिन्स्क समझौते और नॉरमैंडी प्रारूप सहित चल रहे प्रयासों का हम स्वागत करते हैं. हम जुलाई 2020 के युद्धविराम के बिना शर्त पालन और मिन्स्क समझौते की पुन: पुष्टि का भी स्वागत करते हैं.”दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बार फिर यूक्रेन पर हमले की हालत में रूस को अंजाम भुगतने की धमकी दी. यूएनएससी में जो बाइडन ने कहा, “यदि रूस बातचीत के माध्यम से हमारी सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है, तो अमेरिका और हमारे सहयोगी देश इसी दिशा में आगे बढ़ेंगे. लेकिन अगर इसके बजाय रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो उसे गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ेगा.”
गौरतलब है कि रूस के यूक्रेन की सीमा के निकट लगभग एक लाख सैनिकों की तैनाती की
इस बीच, भारत ने सोमवार को यूक्रेन सीमा पर स्थिति पर चर्चा के लिए होने वाली बैठक से पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रक्रियात्मक मतदान में भाग नहीं लिया. यूक्रेन मुद्दे पर चर्चा के लिए सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक से पहले, रूस, एक स्थायी और वीटो-धारक सदस्य, ने यह निर्धारित करने के लिए एक प्रक्रियात्मक वोट का आह्वान किया कि क्या खुली बैठक आगे बढ़नी चाहिए.
रूस और चीन ने बैठक के खिलाफ मतदान किया, जबकि भारत, गैबॉन और केन्या ने भाग नहीं लिया. नॉर्वे, फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, आयरलैंड, ब्राजील और मैक्सिको सहित परिषद के अन्य सभी 10 सदस्यों ने बैठक के चलने के पक्ष में मतदान किया. बैठक को आगे बढ़ाने के लिए परिषद को केवल नौ वोटों की आवश्यकता थी. परिषद के 10 सदस्यों के बैठक के पक्ष में मतदान करने के साथ यूक्रेन की सीमा पर स्थिति पर बैठक आगे बढ़ी.

 

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