सियाचिन के 19 गांवों के विद्युतीकरण से कार्बन-न्यूट्रलिटी का लक्ष्य पाने में मिलेगी मदद : अधिकारी
लेह। चम्शेन माइक्रो-हाइडल परियोजना (एएचपी) से आपूर्ति होने के कारण सियाचिन के 19 गांवों में बिजली पहुंच गयी है जिससे लद्दाख को कार्बन-न्यूट्रलिटी का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने लद्दाख नवीकरणीय ऊर्जा पहल (एलआरईआई) योजना के तहत चम्शेन परियोजना को वित्त पोषण दिया है। कार्बन-न्यूट्रलिटी उत्सर्जित कार्बन और अवशोषित कार्बन उत्सर्जन के बीच का संतुलन होता है।
जिन गांवों में बिजली पहुंची है वह चम्शेन, कुरी, चरासा, बर्मा, पिंचीमिक, हसारा, क्यागार, सुमूर, लकजुंग, तिरिथ, त्याक्शा, पनामिक, तिरिशा, हरग्याम, फुकपोचे, कोबेत, आये, अरानु और ससोमा हैं।
विद्युत सचिव रविंदर कुमार ने बताया कि इन गांवों के विद्युतीकरण से 160 किलोवॉट एम्पीयर पनामिक डीजी सेट, 160 केवीए चम्शेन डीजी सेट और 250 केवीए क्यागार डीजी सेट समेत 3 डीजी सेट लगाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि इन गांवों का विद्युतीकरण बिजली विकास विभाग और लद्दाख नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (एलआरईडीए) के संयुक्त प्रयासों का नतीजा है। अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति सीमावर्ती इलाकों में सेना को की जा सकती है।
इस बीच लद्दाख के उपराज्यपाल के सलाहकार उमंग नरुला ने लद्दाख के लिए कार्बन-न्यूट्रलिटी का दर्जा हासिल करने के लिए अलग-अलग विभागों द्वारा कार्य योजना की तैयारी के संबंध में यहां एक बैठक बुलाई।
बैठक को संबोधित करते हुए नरुला ने कहा कि कार्बन-न्यूट्रल लद्दाख का विचार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया और इसका उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए भविष्य की विकास योजनाएं बनाना है। नीति आयोग ने कार्य योजना का दस्तावेज तैयार करने के लिए टेरी को नामांकित किया है।
केंद्र शासित प्रदेश का प्रशासन ई-कार, ई-बसें खरीदने और ई-रिक्शा शुरू करने की प्रक्रिया में है।