सिद्धू पर लगाम लगाने की कोशिश!
नई दिल्ली. कांग्रेस में पिछले काफी दिनों से पुराने व वरिष्ठ नेताओं में मनमुटाव जैसी बातें सामने आ चुकी है. पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाने पर भी पार्टी में अंतर्कलह देखने को मिली थी. उससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को संगठनात्मक बदलावों के लिए लिख चुके थे. राजस्थान में भी पार्टी में अंदरूनी कलह सामने आ चुकी है. अब ऐसे में कांग्रेस ने अपने नाराज पुराने नेताओं को खुश करने का प्रयास किया है. इसके तहत कांग्रेस ने अजय माकन को स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है.
कांग्रेस की ओर से स्क्रीनिंग कमेटी में पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष चंदन यादव और कांग्रेस ज्वाइंट सेक्रेटरी कृष्णा अल्लारु को भी सदस्य के तौर पर नियुक्त किया है. सूत्रों का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि नवजोज सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रस का प्रमुख और चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाए जाने से पुराने नेता खफा थे. उनके मुताबिक पार्टी इन नए लोगों को तरजीह दे रही है. चन्नी ने कांग्रेस 2012 में ज्वाइन की थी और अब उन्हें पंजाब का सीएम बना दिया गया. वहीं सिद्धू 2017 में चुनाव से पहले कांग्रेस में आए थे. उन्हें भी पंजाब कांग्रेस की कमान दे दी गई.
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दो पूर्व प्रमुखों सुनील जाखड़ और प्रताप बाजवा को क्रमशः चुनावी अभियान पैनल और घोषणापत्र पैनल में जगह दी गई है. साथ ही स्क्रीनिंग पैनल पर उम्मीदवारों को चुनने में उनकी भूमिका होगी.
बता दें कि जाखड़ की ओर से चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू पर बार-बार निशाना साधा गया. पार्टी आलाकमान को यह बताया गया कि पुराने समय के नेताओं ने संकट के दौरान उपेक्षित महसूस किया जिसके कारण कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम के पद से हटा दिया गया. कैप्टन को हटाने वाले पैनल में अजय माकन थे. जब से राहुल गांधी ने हरीश चौधरी के सहयोगी, पंजाब मामलों के प्रभारी और आईवाईसी के प्रभारी कृष्ण अल्लारु को सिद्धू-चन्नी विवाद के बीच पंजाब कांग्रेस के कामकाज को सुव्यवस्थित करने का काम सौंपा, तबसे जाखड़ को शांत करने के प्रयास जारी थे.
मामले में एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि उम्मीदवारों के चयन को लेकर पीपीसीसी प्रमुख और सीएम के बीच आमने-सामने की आशंका के कारण पार्टी आलाकमान ने जाखड़ को स्क्रीनिंग कमेटी में शामिल किया है और चौधरी व अल्लारु स्क्रीनिंग कमेटी का हिस्सा बनने के लिए पंजाब के मामलों को लंबे समय से संभाल रहे हैं.