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सालाना सौ करोड़ की कमाई, फिर भी ताज के संरक्षण में लापरवाही

दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारतों में शुमार ताजमहल के संगमरमरी पत्थर दरकने लगे हैं। कलाकृतियों से लेकर इबारत तक के पत्थर झड़कर निकल गए हैं। खंभों के पत्थर भी नीचे से अपनी जगह छोड़ गए हैं। धवल सफेद इमारत पर ये दाग की तरह चमक रहे हैं। ताजमहल के निर्माण को 370 साल हो गए हैं। ऐेसे में इसमें लगे संगमरमरी पत्थरों को संरक्षण की अधिक आवश्यकता है। सफेद पत्थरों की क्लीनिंग और संरक्षण के कार्य लगातार चलते रहते हैं लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग इस पर अपेक्षित ध्यान नहीं दे पा रहा।

यही वजह कि स्मारक के दूसरे हिस्सों की तरह से अब मुख्य गुंबद के पत्थर भी जगह-जगह से झड़ने लगे हैं। ये दूर से ही दिखाई दे रहे हैं। मुख्य गुंबद के मुख्य प्रवेश द्वार की आर्च पर अरबी में लिखी इबारत के काले पत्थर भी निकल गए हैं। मार्बल पत्थर पर तराशी गईं फूल-पत्तियों की आकृति भी बिगड़ गई है। यमुना की गंदगी में पनपे कीड़ों ने एक बार फिर से संगमरमरी ताजमहल को दागदार कर दिया है। नदी में पानी कम और सिल्ट ज्यादा है। इसमें गोल्डी काइरोनोमस नाम का कीड़ा पनपता है। हवा के साथ ये कीड़े स्मारक की दीवारों तक पहुंच रहे हैं। हालांकि पिछले दिनों एएसआई की रसायन शाखा ने इसे साफ किया लेकिन कई जगह अभी भी इसके निशान बाकी हैं।

ताज का दीदार करने आना वाला पर्यटक मुख्य स्मारक पर फोटोग्राफी किए बिना रह नहीं सकता। संगमरमरी स्मारक से बने इस नायाब नमूने को अपने कैमरे में कैद करने की यहां होड़ सी लगी रहती है। मगर, फोटो में अब यह बदहाल स्मारक नजर आने लगा है। ताज एएसआई के साथ-साथ आगरा विकास प्राधिकरण का भी खजाना भर रहा है। स्थिति यह है कि स्मारक से दोनों विभागों को मिलाकर सालाना सौ करोड़ की कमाई होती है। एडीए ही अकेला 55 करोड़ रुपये से अधिक पथकर के रूप में वसूलता है। मगर, इसके सापेक्ष संरक्षण और व्यवस्थाओं काफी कम खर्च किया जाता है। किसी साल 50 लाख तो किसी साल 70 लाख के काम स्वीकृत किए जा रहे हैं। हालांकि बीच-बीच में एक से दो करोड़ रुपये लागत से भी संरक्षण कार्य कराए जा चुके हैं।

एएसआई के वरिष्ठ संरक्षण सहायक एके गुप्ता ने बताया कि ताज के मुख्य गुंबद का संरक्षण कार्य पिछली बार कब हुआ था, इसका रिकार्ड निकलवाया जाएगा। इसी से पता चल सकेगा कि कब और कौन-कौन से संगमरमरी पत्थर बदले गए थे। अभी जो पत्थर टूटे हैं, उनको भी दिखवाया जाएगा। एप्रूव्ड टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष शमशुद्दीन ने कहा कि एएसआई और एडीए ताजमहल से जितनी कमाई करते हैं, उस हिसाब से न तो पर्यटकों की सुविधा और न ही स्मारक के संरक्षण पर खर्च किया जाता। मुख्य गुंबद पर जरा सा दाग भी विदेशी पर्यटक की नजर में आ जाता है। वह इसको लेकर अपने तरीके से प्रचारित करते हैं, ये गलत है।

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