सवाल नाक का ही क्यों होता है ?
स. सम्पादक शिवाकान्त पाठक!
नाक को मानव शरीर का बेहद ही छोटा अंग है लेकिन मामला जब नाक हो तो लाशों के ढेर लग जाते हैं महायुद्ध का कारण नाक बन जाती हैं सूपनखा की नाक काटने का अंजाम राम रावण युध्द में बदल जाएगा यह कभी काश सोचा गया होता तो इस महाभयावह घटना का कारण नाक ना बनती सीता का हरण ना होता भइया लक्षमण को शक्ति ना लगती सीता को बनवास के कष्ट ना उठाने पड़ते नाक का सवाल जो था भाई कुथ भी हो सकता है नाक की कई कैटागरी होतीं हैं आम आदमी की नाक, अमीरों की नाक , सरकारी नाक, असाशकीय नाक, खानदानी नाक, विरादरी की नाक आदि आदि विभिन्न प्रकार की नाकों का वर्णन आता है !शीर्षक पढ़ कर आप सोच रहें होंगे की यह भी कोई बात है ‘आम आदमी की नाक’। नाक तो क्या आम और क्या खास सभी के पास होती है। श्वाँस लेने के काम आती है। सभी को गंध सुगंध दुर्गंध का अनुभव इसी से होता है। जुकाम लगने पर यह बंद हो जाती है या फिर बहने लगती है। यानि सभी के लिए यह एक ही तरीके से काम करती है। यह दीगर बात है कि इसकी आकार और आकृति हर किसी की अलग होती है। इस आकार और आकृति में कहीं किसी खास आदमी की नाक बेढंगी या अच्छी हो सकती, यही व्यवस्था आम आदमी के लिए भी लागू होती है। अब आप यह तो पूछ ही सकते हैं कि फिर इस आदमी की नाक के आगे ‘आम’ फंसाने की क्या आवश्यकता है?
आवश्यकता है जनाब। आम आदमी भले ही आम हो पर उसकी नाक बड़ी खास होती है। मिडिल क्लास यानी तथाकथित कैटल क्लास का आदमी अपनी सारी जिंदगी इस इकलौती नाक को बचाने में ही गुजार देता है। यानी आम आदमी की नाक खास डेलिकेट किस्म की होती है। उसे यह कभी भी कटी हुई महसुस हो सकती है। इसके लिए न तो किसी अस्पताल में जाना पड़ता है और नहीं किसी सर्जन की आवश्यकता नहीं होती। यानी यह एक बड़ी ही अमूर्त किस्म की घटना होती है।
हमारे एक मित्र हैं डील डोल में लंबे-चौड़े कुछ दबंग सी छवि वाले। एक बार महानुभाव अपने साले की शादी में गए। अब साले की शादी में तो जीजा खास होता ही है सो वे खास बने बारात में बड़े जोर से ता ता थैया कर रहे थे। रस्म अदायगी सा लिया गया सोमरस उनकी नसों में उत्तेजना भर रहा था। वे बेहिसाब नाच रहे थे। बारात उनके नाच के कारण प्रति इंच के हिसाब से रास्ता तय कर रही थी। बड़े बुजुर्गों ने समझाया मुहूर्त का हवाला भी दिया पर जनाब कहाँ मानने वाले थे। सो उनके बड़े साले साहब ने बैण्ड वालों को आगे बढ़ावा दिया। बस फिर क्या था मित्र की नाक कट गई। लोगों ने बहुत समझाया पर बैण्ड वालों के सामने कटी नाक वापस नहीं जुड़ी। शादी का सारा मजा किरकिरा हो गया। वे नाराज होकर वहीं से वापस क्या लौट आए। आज तक ससुराल की चौखट में पांव नहीं रखा। उनकी इस नाक के सवाल में बेचारी भाभी जी भी ऐसी उलझी की उनका पीहर जाना ही बंद हो गया।
तो भैया यह नाक बड़ी अजीब चीज है। यह तो छोटी सी बात पर ही कट जाए नहीं कटे तो कभी भी न कटे। अब आप ही देखो न घोटाले करो, जेल जाओ पर नाक कहाँ कटती हैं। दो नंबर का पैसा है आप इन्कम टैक्स का छापा पड़ा नाक कटती नहीं वरन और ऊंची हो जाती है। हमने शोध करके यह ही पाया है कि नाक आम आदमी की ही कटती है। खास आदमी की नाक कुछ मजबूत किस्म की होती है।