सरयू में बाढ़ से कई गांव घिरे
बस्ती. पहाड़ों पर भारी बारिश की वजह से सरयू नदी का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार सरयू नदी खतरे के निशान से लगभग 40 सेमी ऊपर बह रही है. नदी के जल स्तर में अचानक वृद्धि होने से कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं. बाढ़ के पानी से धान और सब्जी की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. इतना ही नहीं पशुओं के सामने चारे का संकट उत्पन्न हो गया है, जबकि बच्चों को नाव के साहरे स्कूल जाना पड़ रहा है.
गांव के चारों तरफ पानी भरने से आवागमन का रास्ता बंद हो गया है. बच्चों को स्कूल जाने के लिए 6 किलोमीटर नाव से नदी में सफर तय करना पड़ रहा है. नदी के बढ़ते जल स्तर ने तटबंधों पर भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है. हर्रैया तहसील कटरिया, चांदपुर, सैफाबाद तटबंधों पर बाढ़ के पानी का भारी दबाव है.
विक्रमजोत ब्लॉक के माझा के दर्जनों गांव बाढ़ के पानी की चपेट में आ गए हैं. छतौनी, संदलपुर, कल्याणपुर, सहजौरा, भरतापुर गांव में सैकड़ों बीघा गन्ने, धान व सब्जी की फसल पानी में डूब गई है. नदी में अचानक बाढ़ का पानी आने से प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं. कलवारी-सैफाबाद तटबंध में रिसाव होने से हड़कंप मच गया. बाढ़ खंड के अधिकारी कर्मचारी रिसाव को रोकने के लिए काम शुरू कर दिए हैं. बंधे के रिसाव को कंट्रोल कर लिया गया है.
बाढ़ के लिए संवेदनशील गांवों में लोगों को अलर्ट कर दिया गया है, लेकिन गांव छोड़ कर कोई जाना नहीं चाहता है. वहीं हर्रैया तहसील के तहसीलदार सत्येंद्र कुमार सिंह ने तटबंधों का मुआयना किया. उन्होंने कहा कि तीन दिन पहले ही लोगों को अलर्ट कर दिया गया था. संवेदनशील गांवों में लोगों को अलर्ट कर गांव से बाहर जाने के लिए कहा जा रहा है. उनके लिए पूरी व्यवस्था की गई है, लेकिन अभी कोई गांव छोड़ कर जाना नहीं चाह रहा है. जिन लोगों की फसल ख़राब हुई है उनको सहायता दी जाएगी. अभी पानी बढ़ा है जब पानी कम होगा तो आंकड़ा किया जाएगा. पशुओं के चारे की व्यवस्था के लिए पशुपालन विभाग को बोला गया है. पशुओं के लिए भूसे का इंतेजाम किया जा रहा है.