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सरकार की नई नीति: फ्रीहोल्ड होगी पट्टा भूमि

लखनऊ। पट्टा भूमि (लीजहोल्ड) भूमि को फ्रीहोल्ड करने के लिए राज्य सरकार नए सिरे से नीति तैयार कर रही है। नीति संबंधी सात वर्ष पुराने शासनादेश में दी गई व्यवस्था में बदलाव कर प्रस्ताव तैयार किया गया है। लीजहोल्ड भूमि को फ्रीहोल्ड कराने के लिए सर्किल रेट का 25 प्रतिशत तक प्रस्तावित करते हुए सरकार ने उसे अंतिम रूप देने से पहले सुझाव व आपत्ति मांगी है।

कोई भी व्यक्ति 15 दिन में लिखित रूप में अपना अभिमत दे सकता है। दरअसल, वर्तमान में पट्टा भूमि को फ्रीहोल्ड एवं पुनर्विकास करने के संबंध में राज्य शहरी आवास एवं पर्यावास नीति-2014 के तहत 12 दिसंबर 2014 को तत्कालीन प्रमुख सचिव सदाकान्त की ओर से जारी शासनादेश के तहत ही प्रक्रिया और दर तय है।

देना होगा सर्किल रेट का 25 प्रतिशत

सात वर्ष पुरानी नीति को व्यावहारिक बनाने के लिए राज्य सरकार उसमें संशोधन करते हुए नए सिरे से प्रस्ताव तैयार किया है। प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन दीपक कुमार ने बताया कि प्रस्ताव विभागीय वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। कोई भी व्यक्ति 15 दिनों में उस पर अपना अभिमत विभाग को दे सकता है।

प्रस्तावित संशोधनों के तहत नए प्रार्थना पत्र के मामले में लीज पर प्रीमियम धनराशि लेकर आवंटित भूखंड या भवन को चालू पट्टागत भूमि के पट्टेदार या विधिक उत्तराधिकारी के पक्ष में फ्रीहोल्ट करने के लिए सर्किल रेट का 12 प्रतिशत लिया जाएगा। इसी तरह लीज पर आंशिक प्रीमियम एवं लीज रेंट पर या बिना प्रीमियम या लीज रेंट पर आवंटित भूमि-भवन को चालू पट्टागत भूमि के पट्टेदार या उत्तराधिकारी के पक्ष में फ्रीहोल्ड करने के लिए सर्किल रेट का 25 प्रतिशत लिया जाएगा।

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पट्टे की शर्तों का उल्लंधन न होने की दशा में पहले से लंबित मामलों में भी सर्किल रेट का 12 से 25 प्रतिशत तक देकर फ्रीहोल्ड कराया जा सकेगा। पहले से जमा धनराशि सेविंग बैंक एकाउंड पर देय ब्याज के साथ समायोजित होगी।

फ्रीहोल्ड में सिर्फ स्वामित्व का परिवर्तन होगा। भू-उपयोग में परिवर्तन नहीं किया जाएगा। सामुदायिक सुविधाओं यानि शैक्षिक आदि के भूखंड फ्रीहोल्ड नहीं होंगे। औद्योगिक इकाईयों को लीज पर आवंटित भूमि को भी प्रदूषण या अन्य संबंधित विभागों की अनापत्ति पर फीहोल्ड कराया जा सकेगा। संबंधित शासनादेश जारी होने की तिथि से एक वर्ष तक फ्रीहोल्ड कराया जा सकेगा।

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