समाजवादी पार्टी के जलालपुर से विधायक सुभाष राय ने भाजपा का दामन थमा
नई दिल्ली। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अपने-अपने समीकरण दुरुस्त करने और टिकट पक्का करने को लेकर नेताओं के दलबदल का सिलसिला जारी है। उत्तर प्रदेश के अंबेडकर जिले की जलालपुर सीट से समाजवादी पार्टी विधायक सुभाष राय ने सपा का साथ छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है।
एमएलसी बनाने का आफर दिया था
विधायक सुभाष राय को मनाने के लिए सपा नेतृत्व ने उन्हें 5 महीने के बाद होने वाले चुनाव में एमएलसी बनाने का आफर दिया था लेकिन इसके बाद भी सुभाष राय सपा में नहीं रुके। सूत्रों की माने तो जलालपुर से टिकट कटने पर सुभाष राय ने सपा जिला अध्यक्ष का पद स्वीकार करने से भी इनकार कर दिया था।
सुभाष राय ने नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने सुभाष राय का स्वागत करते हुए कहा कि इनकी भाजपा में घर वापसी हुई है क्योंकि सुभाष राय पहले भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा में रह चुके हैं।
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स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि सुभाष राय के भाजपा में आने से पार्टी मजबूत होगी। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के दौरान कानून राज के चलते शांति, राष्ट्रवाद और विकास की बयार को देखते हुए सुभाष राय ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। 2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर रितेश पांडे विधायक चुने गए थे।
बाद में वह बसपा से ही लोकसभा सदस्य चुन लिए गए उसके बाद उपचुनाव में यहां से समाजवादी पार्टी के टिकट से सुभाष राय ने जीत गए। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सांसद रितेश पांडे के पिता और पूर्व सांसद राकेश पांडे ने सपा जाइन कर ली है।
वह वर्ष 2002 में सपा के ही टिकट पर जलालपुर से विधायक भी रह चुके हैं लेकिन बाद में बसपा में शामिल होकर सांसद का चुनाव लड़े और जीत गए थे। एक बार फिर उनके सपा में शामिल होने से जलालपुर से उनका टिकट लगभग तय माना जा रहा है।