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सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका(Sri Lanka,)

कोलंबो:अब तक के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका (Sri Lanka,) की पूरी कैबिनेट ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका सरकार के सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है लेकिन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे अभी पीएम पद पर बने हुए हैं। श्रीलंका में 36 घंटों के राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू का उल्लंघन करने और बदहाल आर्थिक संकट के मद्देनजर सरकार-विरोधी रैली आयोजित करने पर पुलिस ने मध्य प्रांत के एक विश्वविद्यालय के छात्रों पर आंसू गैस के गोल दागे और पानी की बौछार कर उन्हें तितर-बितर करने का प्रयास किया।

वहीं, आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका को इस समस्या से उबारने के लिए सर्वदलीय कार्यवाहक सरकार के गठन की मांग जोर पकड़ने लगी है। श्रीलंका अपने इतिहास के सबसे बुरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। पिछले कई सप्ताह से देश की जनता को ईंधन और रसोई गैस के लिए लंबी कतारों में खड़े होने के साथ-साथ आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रपति गोटाबायो राजपक्षे ने शुक्रवार की देर रात एक विशेष गज़ट अधिसूचना जारी करके श्रीलंका में एक अप्रैल से तत्काल प्रभाव से आपातकाल लगा दिया था। सरकार ने शनिवार शाम छह बजे से सोमवार तड़के छह बजे तक के लिए राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की है।

सरकार ने रविवार को सोशल मीडिया तक जनता की पहुंच को समाप्त करने के लिए इंटरनेट सेवा पर रोक लगाने का आदेश दिया था तथा लोगों के एक जगह इकट्ठा होने पर रोक लगा दी थी। उधर, श्रीलंका सरकार ने व्हाट्सऐप, ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया मंचों पर लगाया गया प्रतिबंध रविवार को हटा दिया। देश में बदतर आर्थिक संकट को लेकर सरकार विरोधी प्रदर्शन से पहले देशव्यापी सार्वजनिक आपातकाल घोषित करने और 36 घंटे के कर्फ्यू के साथ ही सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

 

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