संयुक्त राष्ट्र की टिप्पणी पर भारत की कड़ी आपत्ति !

नई दिल्ली. भारत ने संयुक्त राष्ट्र की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए गुरुवार को खुर्रम परवेज की रिहाई की मांग को ठुकरा दिया है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र को फटकार लगाते हुए कहा है कि भारत सीमा पार आतंकवाद का किस तरह सामना कर रहा है, इस बात का अंदाजा संयुक्त राष्ट्र नहीं लगा सकता. भारत ने कश्मीर के खुर्रम परवेज की आतंकवाद के आरोप में हुई गिरफ्तारी को लेकर संयुक्त राष्ट्र के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. भारत ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त के प्रवक्ता का बयान आधारहीन है.
संयुक्त राष्ट्र ने खुर्रम की गिरफ्तारी पर चिंता जताई थी और उसे तुरंत रिहा करने की मांग की थी. भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘संयुक्त राष्ट्र के बयान से जाहिर है कि भारत सीमा पार के आतंकवाद का जिस तरह से सामना कर रहा है और उससे भारतीय लोगों का मानवाधिकार जिस तरह से प्रभावित हो रहा है, उसका उन्हें अंदाज तक नहीं है.’ इस बयान में खुर्रम की गिरफ्तारी को सही बताया गया है. इसमें कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के कानून जैसे यूएपीए को हमारी संसद ने भारत की संप्रभुता और अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए बनाया है.
बयान में जिस खुर्रम परवेज की गिरफ्तारी की बात कही गई है, वो भारत के कानून के तहत हुई है. संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त मानवाधिकार कार्यालय मानवाधिकार और आतंकवाद को लेकर अपनी समझ को और अधिक विकसित करे. मामला कश्मीर में यूएपीए के तहत खुर्रम परवेज की गिरफ्तारी से जुड़ा हुआ है, उसे 22 नवंबर को पकड़ा गया था. बुधवार को संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त मानवाधिकार कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि कश्मीरी मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज की गिरफ्तारी पर हम बेहद चिंतित हैं. यह गिरफ्तारी भारतीय आतंकवाद निरोधी कानून (यूएपीए) के तहत हुई है.
अधिकारियों ने बताया कि विश्वसनीय सूचना मिलने के बाद आठ अक्टूबर को भारतीय दंड संहिता और गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने बताया कि सूचना मिली थी कि ये संगठन तथाकथित दान और कारोबारी योगदान के माध्यम से देश और विदेश से चंदा एकत्र करते हैं और उसका इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण में करते हैं.