श्रीलंका से माता सीता की निशानी पहुंचेगी अयोध्या

अयोध्या. श्रीलंका के राजदूत, उप राजदूत और दो मंत्री त्रेता युग में जिस स्थल पर रावण ने माता सीता को हरण के बाद जिस अशोक वाटिका में रखा था वहां कि शिलाएं लेकर गुरुवार को अयोध्या पहुंचेंगे. अशोक वाटिका की शिलाएं रामलला को समर्पित करने के साथ ही श्रीलंका के राजदूत, उप राजदूत और दो मंत्री रामलला का दर्शन और आरती करेंगे. श्रीलंका के राजदूत, उप राजदूत और दो मंत्री दोपहर 11:00 बजे राम जन्मभूमि परिसर में भगवान राम को श्रीलंका स्थित अशोक वाटिका की शिलाएं समर्पित करेंगे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य राजा अयोध्या की आवास राज सदन में श्रीलंका के राजदूतों और श्रीलंका सरकार के मंत्रियों का का स्वागत होगा.
बताते चलें कि भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो रहा है, जिसके लिए बुनियाद भरी जा चुकी है और ऊपर मंदिर के बेस का निर्माण किया जा रहा है. ऐसे में श्रीलंका के दो राजदूत और मंत्री माता सीता हरण के बाद श्रीलंका में जिस स्थल पर रावण ने उन्हें रखा था उस अशोक वाटिका की शिलाएं लेकर अयोध्या पहुंचेंगे. ये शिलाएं रामलला को समर्पित की जाएंगी. हालांकि अभी ट्रस्ट ने इस बात को स्पष्ट नहीं किया है कि शिलाओं का इस्तेमाल कहां होगा, लेकिन श्रीलंका से अयोध्या के आध्यात्मिक जुड़ाव जरूर होगा, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सीता हरण के दौरान रावण ने माता सीता को अशोक वाटिका में रखा था और उसी अशोक वाटिका के पत्थरों को लेकर श्रीलंका के राजदूत अयोध्या पहुंचेंगे. ऐसे में श्रीलंका के राजदूतों का स्वागत सत्कार भी ट्रस्ट के द्वारा किया जा रहा है और राजा अयोध्या के आवास पर उनका दोपहर में भोजन तथा स्वागत है.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि श्रीलंका के भारत में निवास करने वाले राजदूत और उप राजदूत और श्रीलंका सरकार के दो मंत्री अयोध्या पधार रहे हैं. श्रीलंका स्थित अशोक वाटिका में जहां माता सीता रहीं उस मंदिर क्षेत्र की शिलाएं लेकर आ रहे हैं. यह शिलायें लंका समाज का प्रतिनिधित्व करेगी. श्रीलंका समाज की भावनाओं का प्रस्तुतीकरण होगा.