शादी की उम्र पर बवाल! लेकिन प्रेग्नेंसी के लिए कौन सी उम्र सही ?

केंद्र सरकार ने देश में लड़कियों की शादी की उम्र 21 वर्ष तय करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं. हालांकि सियासी गलियारों में केंद्र सरकार के फैसले को लेकर बवाल मचा हुआ है? राजनीतिक पार्टियां लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने को लेकर सरकार पर निशाना साध रही हैं और उसके फैसले की आलोचना कर रही हैं. लेकिन, इस बीच बहस में सबसे बड़ा सवाल ये है कि प्रेग्नेंसी की सही उम्र क्या है? क्योंकि हिंदुस्तान में लोग बहुतायत में शादी के बाद ही बच्चे की प्लानिंग करते हैं. ऐसे में ये जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि किस उम्र में प्रेग्नेंसी प्लान करनी चाहिए. आइए जानते हैं –
हेल्थलाइन डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक उम्र बढ़ने के साथ फर्टिलिटी प्राकृतिक रूप से कमजोर होने लगती है. ऐसे में ज्यादा उम्र में बच्चे की प्लानिंग अपने साथ कई रिस्क लेकर आती है, लेकिन ये भी कहा जाता है कि प्रेग्नेंसी की कोई ‘बेस्ट एज’ नहीं होती है. अगर आप 30 या 40 साल के हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि आप स्वस्थ बच्चा नहीं पैदा कर सकते, परिवार की शुरुआत करना कई कारणों पर निर्भर करता है – जैसे कि आपकी उम्र और पैरेंट्स बनने के लिए आप मानसिक तौर पर कितने तैयार हैं.
अगर उम्र के हिसाब से देखें तो महिलाएं 20 वर्ष की अवस्था में गर्भावस्था या प्रेग्नेंसी के लिए सबसे ज्यादा फर्टाइल होती हैं. ये वो समय होता है कि जब महिला के शरीर में सबसे ज्यादा अच्छी संख्या वाले अंडाणु मौजूद होते हैं. और प्रेग्नेंसी से जुड़े खतरे भी कम होते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक 25 साल की उम्र में गर्भधारण करने के लिए 3 महीने से ज्यादा प्रयास के मामले 20 फीसदी से भी कम हैं.
हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक 32 साल की उम्र के बाद फर्टिलिटी में गिरावट आनी शुरू हो जाती है. 35 साल की उम्र के बाद यह तेजी से बढ़ने लगती है. समय के साथ फर्टिलिटी कमजोर होती चली जाती है. रिपोर्ट के मुताबिक महिला के जीवनकाल में सबसे ज्यादा अंडाणु जब होते हैं तो उनकी संख्या तकरीबन 1 मिलियन के करीब होती है. और 37 साल की उम्र में इनकी संख्या गिरकर 25 हजार के करीब रह जाती है. 35 साल की उम्र के बाद अगर आप गर्भधारण प्लान करती हैं और तीन महीने के प्रयास के बावजूद सफल नहीं हो पाती हैं, तो आपकी सफलता के चांसेज सिर्फ 12 फीसदी के करीब होती है. साथ ही मिसकैरिज और जेनेटिक संबंधी परेशानियां भी होती हैं, जो 35 की उम्र के बाद तेजी से बढ़ती हैं. हो सकता है कि आपको प्रेग्नेंसी के दौरान समस्याओं का सामना करना पड़े और बाद में बच्चा पैदा करने में भी दिक्कत हो.
महिलाओं के गर्भधारण की क्षमता में 40 वर्ष के आसपास प्राकृतिक रूप से गिरावट दर्ज की जाती है. 40 वर्ष की अवस्था में अगर आप गर्भधारण की योजना बनाती हैं तो आपकी सफलता के चांसेज सिर्फ 7 फीसदी होते हैं. अगर 3 महीने की कोशिश के बाद आप सफल नहीं हो पाते हैं तो ये और मुश्किल होता जाता है. समय के साथ अंडाणु की संख्या में गिरावट आती है और ये कमजोर होने लगते हैं. ज्यादा उम्र में अंडों में क्रोमोसोम की समस्या आती है, जिसके चलते बच्चों में जन्मजात बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है. 40 की उम्र में महिलाएं स्वस्थ बच्चे को पैदा कर सकती हैं, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी रिस्क बढ़ जाता है.
उम्र के साथ पुरुषों की भी बच्चा पैदा करने की क्षमता कमजोर होती है. लेकिन ये प्रक्रिया औरतों के मुकाबले ज्यादा देर से 40 साल के आसपास शुरू होती है. 40 साल की उम्र में मर्दों में कम मात्रा में सीमेन बनता है और शुक्राणुओं (स्पर्म) की संख्या भी घट जाती है. साथ ही शुक्राणु इतने सशक्त भी नहीं होते हैं कि बेहतर तरीके से प्रवाहमान हो सकें. ज्यादा उम्र के मर्दों के स्पर्म में जेनेटिक समस्याएं भी हो सकती हैं, जिसके चलते बच्चे में जन्मजात बीमारियों और दोष की आशंका बढ़ जाती है. ज्यादा उम्र के पुरुष को अपनी पार्टनर को प्रेग्नेंट करने में ज्यादा समय लगता है और उसकी पार्टनर को भी रिस्क होता है, जैसेकि मिसकैरिज… चाहे फीमेल पार्टनर की उम्र कुछ भी हो. हालांकि इसका मतलब ये नहीं है कि मर्द 40 की उम्र में बच्चे पैदा नहीं कर सकते, लेकिन इसमें रिस्क की आशंका बढ़ जाती है.
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