शादी कार्यक्रम में म्यूजिक सुनने पर तालिबान ने कर दी 13 लोगों की हत्या

काबुल: अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान के डर से हजारों की संख्या लोगों ने अपने देश को छोड़ दिया. ये सभी लोग तालिबान की क्रूरता और मनवाधिकारों का हनन करने वाले नियमों से भयभीत थे. तालिबान की क्रूरता का एक बार फिर से खुलासा हुआ है. तालिबान ने नंगरहार प्रांत में 13 लोगों की नृशंस रूप से हत्या कर दी. तालिबान के इस क्रूर कृत्य का दावा पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने शनिवार को एक ट्वीट में किया.
अफगानिस्तान में कब्जा करने के बाद तालिबान ने विश्व पटल पर दुनिया से कहा था कि अब वह अपने राज में नागरिकों को अधिकार देगा और अब वह 90 के दशक वाला तालिबान नहीं है, लेकिन तालिबान अपनी इस बात पर ज्यादा दिन तक कायम नहीं रह सका. पूर्व उपराष्ट्रपति ने ट्वीट में बताया कि तालिबान ने इन 13 बेगुनाह लोगों को सिर्फ इस बात के लिए मौत के घाट उतार दिया कि वह एक शादी कार्यक्रम में गाने बजा रहे थे और तालिबान गाने बंद करवाना चाहता था.
सालेह ने ट्वीट करके कहा कि ‘तालिबान ने नंगरहार में एक शादी कार्यक्रम में म्यूजिक को बंद कराने के लिए 13 लोगों की हत्या कर दी.’ उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि प्रतिरोध एक राष्ट्रीय आवश्यकता है और हम केवल निंदा करके अपना गुस्सा व्यक्त नहीं कर सकते.
पूर्व उपराष्ट्रपति ने तालिबान की इस क्रूरता के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने 25 साल तक उन्हें अफगान संस्कृति को मारने और हमारी धरती को नियंत्रित करने के लिए इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस-अनुरूप कट्टरता के साथ बदलने के लिए प्रशिक्षित किया और अब यह अब काम कर रहा है.
गौरतलब है कि तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर अधिकार कर लिया था इसके साथ ही उनसे पूरे देश पर अपना नियंत्रण बना लिया था. तालिबान ने कब्जे के बाद कई वादे किए लेकिन एक बार फिर से अफगानिस्तान में नागिरकों की हत्या का दौर शुरू हो गया है. अफगानिस्तान की जनता तालिबान के नियमों से खौफजदा है. तालिबान ने टीवी पर म्यूजिक सुनने और महिलाओं की आवाज आने पर भी रोक लगा दी है.