धर्म - अध्यात्म

शनि का राशि परिवर्तन डालता है बड़ा असर

नई दिल्‍ली: शनि को ज्‍योतिष में बहुत अहम ग्रह माना गया है. शनि जिंदगी पर बड़ा असर डालता है. चूंकि यह ग्रह हर राशि में ढाई साल तक रहता है इसलिए इसका असर लंबे समय तक रहता है. शन‍ि की ढैय्या ढाई साल तक और साढ़े साती संबंधित राशि के जातकों पर साढ़े साल तक असर दिखाती है. इस समय में संबंधित राशियों को शनि का प्रभाव झेलना पड़ता है इसीलिए लोग यह जानने के इच्‍छुक रहते हैं कि उनकी राशि पर शनि की साढ़े साती या ढैय्या कब लगने वाली है और कब खत्‍म होगी. शनि कुछ समय बाद फिर से राशि बदलेंगे और एक नई राशि पर साढ़े साती शुरू होगी.
शनि जब भी राशि बदलते हैं तो उसका सीधा असर एक साथ 5 राशियों पर पड़ता है. अभी शनि मकर राशि में हैं और अप्रैल 2022 में कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. इस बीच वे कुछ समय के लिए मकर राशि में वक्री चाल चलेंगे. शनि के कुंभ राशि में आते ही मीन राशि पर शनि की साढ़े साती शुरू हो जाएगी. वहीं राशि परिवर्तन होते ही धनु राशि पर से साढ़े साती खत्‍म हो जाएगी. हालांकि मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती के दूसरे, तीसरे चरण चलेंगे. इसके अलावा कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या रहेगी.

चूंकि मीन राशि के स्‍वामी गुरु हैं और उन्‍हें शनि की मित्र राशि माना जाता है इसलिए इस राशि पर साढ़े साती का उतना बुरा असर नहीं होगा, जितना आमतौर पर अन्‍य राशियों को होता है. फिर भी शनि के नकारात्‍मक असर से बचने के लिए जातकों को कुछ उपाय करते रहना चाहिए. साढ़े साती के दौरान जातक को हर शनिवार शनि देव की मूर्ति पर सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए और शनि से संबंधित चीजों का दान करना चाहिए. पीपल के पेड़ की पूजा करने से भी बहुत राहत मिलेगी.

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