लखनऊ

व्यापारियों की दरकार ऑनलाइन कारोबार से बचाये सरकार

लखनऊ । ऑनलाइन व्यापार के कारण देश में 6 फीसदी खुदरा दुकानें बंद हो चुकी हैं। 14 फीसदी कुटीर उद्योग पूरे देश में बंद हो चुके हैं। गृह मंत्रालय की एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में प्रतिदिन 47 अधिक व्यापारी आत्म हत्या कर रहा है। यह जानकारी रविवार को राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के राष्टï्रीय अध्यक्ष अमित गुप्ता ने दी। अमित व्यापारियों की समस्याओं को लेकर चारबाग स्थित रविंद्रालय में आयोजित व्यापारी सम्मेलन को  सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2008 में ऑनलाइन व्यापार 200 करोड़ रुपए का था। मार्च 2021 तक यह व्यापार 5,25,000 लाख हजार करोड़ तक पहुंच जायेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार से हमारी मांग है कि देश में चौपट हो रहे खुदरा व्यापार और व्यापारियों की समस्याओं का समाधान करें। उन्होंने बताया कि आरबीआई के द्वारा 2018 में 1,61,328 करोड़,  2019 में 2,36,265 करोड़, 2020 में 2,34,170 करोड़ और 2021 में 2,02,781 करोड़ रुपए राइट ऑफ  यानी माफ कर दिया गया, लेकिन एमएससी में सेक्टर को सिर्फ 16 फीसदी लोन बैंकों के द्वारा मिलता है। उसमें से सिर्फ  2 फीसदी खुदरा व्यापारियों को बैंकों से लोन मुहैया होता है। उन्होंने बताया कि बड़ी-बड़ी विद्युत वितरण करने वाली कम्पनियों का रुपया माफ  कर दिया गया, लेकिन इस करोना काल में छोटे-छोटे व्यापारियों का ना तो बिजली का फि क्स चार्ज माफ  किया गया और न ही छोटे व्यापारियों का जिन्होंने बैंकों से लोन ले रखा था उनके कर्ज का ब्याज माफ किया गया। 11 करोड़ एमएसएमई सेक्टर तथा खुदरा व्यापारी देश में 43 करोड़ असंगठित क्षेत्र में रोजगार पैदा करने का काम करते हैं। खुदरा व्यापार दिन पर दिन समाप्त होता चला जा रहा है। इसका मुख्य कारण ऑनलाइन ट्रेडिंग है। वर्तमान में ई-कॉमर्स देश के खुदरा व्यापार के लिए स्वीट प्वाइजन का काम कर रहा है। सम्मेलन की अध्यक्षता संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने की।

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