व्यक्तिगत स्वतंत्रता सुनिश्चित करना अदालत का संवैधानिक कर्तव्य: हाई कोर्ट
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि यह सुनिश्चित करना अदालत का संवैधानिक कर्तव्य है कि राज्य द्वारा अतिरिक्त शक्तियों का इस्तेमाल किए जाने की स्थिति में व्यक्तिगत स्वतंत्रता से किसी को मनमाने तरीके से वंचित नहीं किया जाए।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 2020 के दंगों से जुड़े हत्या के एक मामले में आरोपी छह लोगों को जमानत देते हुए अदालत ने यह बात कही।
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हाई कोर्ट ने कह कि वह छह आरोपियों-मोहम्मद ताहिर, शाहरूख, मोहम्मद फैजल, मोहम्मद शोएब, राशिद और परवेज-में से प्रत्येक द्वारा 35,000 रुपए का निजी मुचलका और इतनी ही रकम की जमानत राशि जमा करने पर उन्हें जमानत देने को इच्छुक है।
राज्य की शक्ति के अतिरिक्त इस्तेमाल
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि यह सुनिश्चित करना अदालत का संवैधानिक कर्तव्य है कि राज्य की शक्ति के अतिरिक्त इस्तेमाल किये जाने की स्थिति में किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाए।
उन्होंने कहा, जमानत नियम है और जेल अपवाद है तथा अदालतों को व्यक्तिगत स्वतंत्रता के सिद्धांत को कायम रखने के लिए अपने अधिकार क्षेत्र का अवश्य इस्तेमाल करना चाहिए।