वेतन न मिलने की वजह से 1 लाख से अधिक कर्मचारी हड़ताल पर

नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच राजधानी के तीनों निगमों (उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी) में बृहस्पतिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू होगी। चिंताजनक बात यह है कि कोरोना के टीकाकरण अभियान में कार्य करने वाले स्वास्थ्यकर्मी भी हड़ताल पर रहेंगे। सफाई कर्मचारियों के साथ निगम के शिक्षक आनलाइन कक्षाएं भी नहीं लेंगे। वहीं, इंजीनियर के साथ निगम कार्यालयों में कार्य करने वाले कर्मी भी हड़ताल पर रहेंगे। निगम के महापौर और अधिकारियों के साथ कई चरण की बैठक में कोई ठोस आश्वासन न मिलने पर निगम कर्मियों ने हड़ताल का एलान किया है। इससे पूर्व शिक्षकों ने बुधवार को सिविक सेंटर के बाहर प्रदर्शन कर वेतन जारी करने की मांग की।
तीनों निगम में विभिन्न यूनियन के संयुक्त समूह कन्फेडरेशन आफ एमसीडी एम्प्लाइज यूनियंस के संयोजक एपी खान ने बताया कि हड़ताल की हमने पहले ही तीनों निगमों और मुख्यमंत्री कार्यालय में नोटिस दे दिया था। इसके बाद भी मुद्दा हल नहीं हुआ है। निगम के कर्मी पांच-पांच माह से बिना वेतन के कार्य कर रहे हैं। जब वेतन मिलना ही नहीं हैं तो फिर काम क्यों कराया जा रहा है। खान ने बताया कि सभी कर्मचारी बृहस्पतिवार सुबह सिविल लाइंस जोन पर एकत्रित होकर राज निवास पर धरना देंगे। इसके बाद कोई भी कर्मी अपने-अपने दफ्तरों में कार्य नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि तीनों निगम की विभिन्न विभागों की 21 से ज्यादा यूनियन हड़ताल के समर्थन में हैं। बृहस्पतिवार से निगम के दफ्तरों में कोई कार्य नहीं होगा।
- तीनों निगम में 1.50 लाख कर्मचारी हैं
- 70 हजार इसमें सफाई कर्मी हैं
- 25 हजार शिक्षक हैं तीनों निगम में
- 5 माह से उत्तरी निगम में नहीं मिला है वेतन
- 20 दिन देरी से मिलता है दक्षिणी निगम कर्मियों को वेतन
- 03 माह से वेतन और पेंशन नहीं मिला है पूर्वी निगम में
- सातवें वेतन आयोग का बकाया भी नहीं मिला है-सेवानिवृत्त कर्मचारियों को न तो पेंशन मिल रही हैं और न ही उन्हें सेवानिवृत्त होने के फंड
तीनों निगम में एक हजार से ज्यादा नर्से कोरोना के टीकाकरण अभियान में शामिल होने वाली थीं। वेतन न मिलने की वजह से हमने भी हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। जब तक वेतन नहीं मिलेगा तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
फिलहाल अभी स्कूलों की छुट्टी चल रही है, लेकिन जो गृह कार्य बच्चों को दे रखा हैं उन्हें कराने के लिए शिक्षक न तो आनलाइन कक्षाएं लेंगे और न ही कोरोना टीके के लिए होने वाले सर्वे।
वेतन न मिलने की वजह से कर्मचारी परेशान हैं। जब तक वेतन नहीं मिलेगा तब तक न तो दिल्ली में सफाई कार्य होगा और न ही डलाव घरों से कूड़ा उठेगा।