विराट भैया से कैप हासिल करना सपना सच होने जैसा – दीपक हुडा
नई दिल्ली – भारतीय क्रिकेट टीम ने अपने 1000वें वनडे इंटरनैशनल मैच में वेस्टइंडीज को 6 विकेट से हराकर 3 मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली है. टीम इंडिया की ओर से इस ऐतिहासिक मैच के जरिए ऑलराउंडर दीपक हुडा ने अपने इंटरनैशनल करियर की शुरुआत की. हुडा वही खिलाड़ी हैं जिन्हें एक साल पहले अपने करियर के खत्म होने का डर सता रहा था.
26 वर्षीय हुडा को इस मैच में गेंदबाजी का तो मौका नहीं मिला, लेकिन बल्लेबाजी में उन्होंने खास प्रभावित किया. हुडा ने सूर्यकुमार यादव के साथ मिलकर 5वें विकेट के लिए नाबाद 62 रन की साझेदारी कर टीम इंडिया को धमाकेदार जीत दिलाई. दाएं हाथ के बल्लेबाज हुडा ने 32 गेंदों पर नाबाद 26 रन की पारी खेली. इस दौरान उन्होंने 2 चौके लगाए. दीपक हुडा को डेब्यू कैप टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने दिया. दीपक ने कैप को चूमा, फिर ईश्वर को धन्यवाद देते हुए उसे अपने सिर से लगा लिया. मैच के एक दिन बाद दीपक ने सोशल मीडिया पर अपनी खुशी जाहिर की है. हुडा ने डेब्यू के दिन वाले वीडियो को अपलोड करते हुए अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘ अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका पाकर सचमुच सम्मान और गर्व महसूस कर रहा हूं. विराट कोहली भैया से कैप हासिल करना मेरे लिए बहुत खास और सपना सच होने वाला पल है. जो इस यात्रा से जुड़े हैं उन सभी को धन्यवाद.’
दीपक हुडा के लिए बीता एक साल उतार-चढ़ाव वाला रहा – दीपक हुडा को साल 2017-18 में भी टीम इंडिया के लिए चुना गया था. लेकिन वो तब प्लेइंग-11 में जगह नहीं बना पाए थे. उनके लिए बीता एक साल उतार-चढ़ाव भरा रहा है. पिछले साल (2021) जनवरी में ही उन्हें अनुशासनहीनता का हवाला देकर बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन ने पूरे घरेलू सीजन के लिए सस्पेंड कर दिया था. इसके बाद उन्हें अपने करियर खत्म होने का डर सता रहा था. लेकिन हमवतन पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान और युसूफ पठान ने इस खिलाड़ी का हौसला बढ़ाया और आज टीम इंडिया से खेलने का मौका मिल गया.
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आईपीएल में पंजाब किंग्स के लिए किया शानदार प्रदर्शन – दीपक ने आईपीएल में पंजाब किंग्स के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है. वह बड़ौदा क्रिकेट टीम से अपना नाता तोड़कर राजस्थान टीम से जुड़ गए. पिछले साल सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी के दीपक ने 6 मैच में 294 रन बनाए थे. इसके बाद उन्हें विजय हजारे ट्रॉफी के लिए राजस्थान का कप्तान बनाया गया. इस टूर्नामेंट में उन्होंने कर्नाटक के खिलाफ शतक लगाने के साथ 6 मैच में 198 रन बनाए थे.