धर्म - अध्यात्म

विधिवत पूजन के बाद खुला केदार नाथ धाम मंदिर का कपाट

केदारनाथ धाम के कपाट आज यानी 17 मई को सुबह पांच बजे मेष लग्न में विधि विधान से खुल गए हैं. इस दौरान मंदिर परिसर में सिर्फ तीर्थ पुरोहित, पंडा समाज और हककूधारियों की उपस्थित रही.

11वें ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ धाम के कपाट आज यानी 17 मई को सुबह पांच बजे मेष लग्न में विधि विधान से खुल गए हैं. इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल के तहत तीर्थ पुरोहित, पंडा समाज और हककूधारियों को ही मंदिर में जाने की अनुमति रही.11वें ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ धाम के कपाट आज यानी 17 मई को सुबह पांच बजे मेष लग्न में विधि विधान से खुल गए हैं. इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल के तहत तीर्थ पुरोहित, पंडा समाज और हककूधारियों को ही मंदिर में जाने की अनुमति रही.
11वें ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ धाम के कपाट आज यानी 17 मई को सुबह पांच बजे मेष लग्न में विधि विधान से खुल गए हैं. इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल के तहत तीर्थ पुरोहित, पंडा समाज और हककूधारियों को ही मंदिर में जाने की अनुमति रही.

बाबा केदारनाथ की पूजा अर्चना सुबह 3 बजे से शुरू हो गयी थी. जबकि कोविड नियमों के कारण सीमित लोग ही ऐतिहासिक पल के गवाह बन सके. बाबा केदारनाथ की पूजा अर्चना सुबह 3 बजे से शुरू हो गयी थी. जबकि कोविड नियमों के कारण सीमित लोग ही ऐतिहासिक पल के गवाह बन सके.
बाबा केदारनाथ की पूजा अर्चना सुबह 3 बजे से शुरू हो गयी थी. जबकि कोविड नियमों के कारण सीमित लोग ही ऐतिहासिक पल के गवाह बन सके.

बाबा केदारनाथ के मंदिर को 11 कुंतल फूलों से सजाया गया है. मंदिर में पहली पूजा पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से हुई. बता दें कि कोरोना की वजह से केदारनाथ मंदिर में अभी भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. बाबा केदारनाथ के मंदिर को 11 कुंतल फूलों से सजाया गया है. मंदिर में पहली पूजा पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से हुई. बता दें कि कोरोना की वजह से केदारनाथ मंदिर में अभी भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है.
बाबा केदारनाथ के मंदिर को 11 कुंतल फूलों से सजाया गया है. मंदिर में पहली पूजा पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से हुई. बता दें कि कोरोना की वजह से केदारनाथ मंदिर में अभी भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है.
राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए इस बार चारधाम यात्रा में आम लोगों के आने पर पाबंदी रहेगी. मंदिर परिसर में न तो प्रसाद बांटने की इजाजत होगी और न ही टीका लगाने की. गर्भगृह तक सिर्फ मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों को ही जाने की अनुमति रहेगी. उसमें भी मूर्ति, घंटी या धार्मिक ग्रंथों को छूने की इजाजत नहीं मिलेगी.राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए इस बार चारधाम यात्रा में आम लोगों के आने पर पाबंदी रहेगी. मंदिर परिसर में न तो प्रसाद बांटने की इजाजत होगी और न ही टीका लगाने की. गर्भगृह तक सिर्फ मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों को ही जाने की अनुमति रहेगी. उसमें भी मूर्ति, घंटी या धार्मिक ग्रंथों को छूने की इजाजत नहीं मिलेगी.
राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए इस बार चारधाम यात्रा में आम लोगों के आने पर पाबंदी रहेगी. मंदिर परिसर में न तो प्रसाद बांटने की इजाजत होगी और न ही टीका लगाने की. गर्भगृह तक सिर्फ मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों को ही जाने की अनुमति रहेगी. उसमें भी मूर्ति, घंटी या धार्मिक ग्रंथों को छूने की इजाजत नहीं मिलेगी.
सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट आज सोमवार को प्रातः 5 बजे विधि-विधान से पूजा-अर्चना और अनुष्ठान के बाद खोल दिए गए हैं. मेष लग्न के शुभ संयोग पर मंदिर का कपाटोद्घाटन किया गया. मैं बाबा केदारनाथ से सभी को निरोगी रखने की प्रार्थना करता हूं.सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट आज सोमवार को प्रातः 5 बजे विधि-विधान से पूजा-अर्चना और अनुष्ठान के बाद खोल दिए गए हैं. मेष लग्न के शुभ संयोग पर मंदिर का कपाटोद्घाटन किया गया. मैं बाबा केदारनाथ से सभी को निरोगी रखने की प्रार्थना करता हूं.
सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट आज सोमवार को प्रातः 5 बजे विधि-विधान से पूजा-अर्चना और अनुष्ठान के बाद खोल दिए गए हैं. मेष लग्न के शुभ संयोग पर मंदिर का कपाटोद्घाटन किया गया. मैं बाबा केदारनाथ से सभी को निरोगी रखने की प्रार्थना करता हूं.

कोरोना वायरय संक्रमण के कारण इस बार चारधाम यात्रा स्थगित कर दी गई है. हालांकि सरकार ने कहा है कि आम यात्रियों को चारधाम यात्रा के लिए छूट देने पर भविष्य में विचार किया जा सकता है. फिलहाल किसी को भी अनुमति नहीं है.
राज्‍य सरकार की एसओपी के मुताबिक, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में केवल रावल, पुजारीगण और मंदिरों से जुड़े स्थानीय हक हकूकधारी, पंडा पुरोहित, कर्मचारी व अधिकारी ही जाएंगे. यही नहीं, सभी की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी है.राज्‍य सरकार की एसओपी के मुताबिक, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में केवल रावल, पुजारीगण और मंदिरों से जुड़े स्थानीय हक हकूकधारी, पंडा पुरोहित, कर्मचारी व अधिकारी ही जाएंगे. यही नहीं, सभी की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी है.
राज्‍य सरकार की एसओपी के मुताबिक, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में केवल रावल, पुजारीगण और मंदिरों से जुड़े स्थानीय हक हकूकधारी, पंडा पुरोहित, कर्मचारी व अधिकारी ही जाएंगे. यही नहीं, सभी की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी है.

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